देशभर में नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान लोग व्रत-उपवास कर मां दुर्गा की आराधना करते हैं। ऐसे में व्रत के दौरान लोग अक्सर साबूदाना खाते हैं। यह हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। साबूदाना से खिचड़ी के साथ-साथ, साबूदाना वड़ा, पापड़, मीठी खीर और कई तरह की रेसिपी बनाई जाती है। ये लंबे वक्त तक पेट को भरा रखता है।

साबूदाना से बनी रेसिपी बहुत ही आसान होती है और इनमें ज्यादा वक्त भी नहीं लगता है, लेकिन इस दौरान एक आम परेशानी सबके सामने आती है, इसे बनाते वक्त ये बहुत ज्यादा चिपचिपी हो जाती है। अगर साबूदाना बनाते वक्त आप भी इसी तरह की परेशानी का सामना करते हैं, तो आइए हम बताते हैं, इसे ठीक करने के कुछ आसान उपाय।

इन टिप्स की मदद से बनाएं साबूदाना खिचड़ी

- साबूदाना को पकाने से पहले रातभर या फिर कम से कम पानी से धोने के बाद चार से पांच घंटे के लिए भिगोया जाता है। जब आप इसे बनाएं तो इसके पानी को छानकर, इसे 15 मिनट के लिए किसी छलनी में रख दें।

- घर के लिए साबूदाना खरीदते वक्त ध्यान रखें कि आप बड़े दानों वाला ही साबूदाना खरीदें, वह कम चिकपता है। छोटे दानों वाले को बनाने में आपको परेशानी हो सकती है।

- आमतौर पर साबूदाना पकाने के लिए घी का इस्तेमाल किया जाता है। आप इसे बनाते समय हल्के गर्म पैन में थोड़ा ज्यादा घी डालकर पकाएं। इससे यह जलता नहीं है और इसका स्वाद भी जबरदस्त लगता है।

- साबूदाना खिचड़ी को चिपकने से रोकने के लिए इसे हमेशा धीमी आंच पर ही पकाएं। जब ये पकने लग जाते हैं, तो इसके दाने क्रिस्टल मोती जैसे दिखाई देने लगते हैं। इसे बहुत ज्यादा पकाने से भी ये चिपचिपा हो सकता है।

- किसी फूड आइटम्स को चिपकने और जलने से रोकने के लिए नॉन-स्टिक पैन बेस्ट ऑप्शन है। आप साबूदाना खिचड़ी को नॉन-स्टिक बर्तन में ही पकाएं और बनाते वक्त लगातार चम्मच की मदद से चलाते रहें।

- साबूदाना खिचड़ी में आलू और दरदरी पिसी मूंगफली के दानों को भी डाल जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि ये दोनों चीजें इसे चिपचिपा होने से रोकती है। आलू में मौजूद स्टार्च इसमें से सारी नमी को सोंक लेता है और फ्राई दरदरी मूंगफली दानों को कवर कर लेती है, जिससे ये चिपकते नहीं।