महंगाई, राजनीतिक अस्थिरता और कर्ज के बोझ से कराहा पाकिस्तान
इस्लामाबाद । पाकिस्तान की आर्थिक हालत दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। जनता को रोटी, सब्जी, घी,तेल,दूध की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। आम जनता के पास पैसे नहीं है। रोजमर्रा की जरूरतों के सामान लगातार महंगे हो रहे हैं। अब तो जनता को महंगे में भी सामान भी नहीं मिल रहा है। जिसके कारण जनता की नाराजी सड़कों पर दिखने लगी है। पाकिस्तान में जिस तरीके के हालात बन चुके हैं। उसके बाद वहां के अमीरों को अपनी चिंता हो गई है। भूख से बेहाल जनता कहीं लूटा मारी में ना लग जाए। इसको देखते हुए अब पाकिस्तान के अमीर देश छोड़कर विदेशों में शरण ले रहे हैं। पाकिस्तान के अमीर सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं। ताकि जनता का गुस्सा उन्हें नहीं झेलना पड़े।
चीन की सरकार ने पाकिस्तान के सिर से अपना हाथ हटा लिया है। चीन ने अपना दूतावास बंद कर दिया है। चीनी नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर या पाकिस्तान छोड़कर चीन वापस आने का संकेत दे दिया है। इसके बाद वहां और भी दहशत फैल गई है।
पाकिस्तान के ऊपर दुनिया के कई देशों का अरबों रुपए का कर्ज है। पाकिस्तान के ऊपर कुल कर्ज 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए से अधिक हो चुका है। पाकिस्तान की जीडीपी का 89 फ़ीसदी से ज्यादा,कर्ज होने से पाकिस्तान को अब विदेशों से महंगी ब्याज दरों पर भी कर्ज नहीं मिल रहा है। 35 फ़ीसदी से ज्यादा कर्ज चीन का है। विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तान पूरी तरह से दिवालिया होने की कगार पर खड़ा है।
पाकिस्तान में इन दिनों एक नया नारा गूंजने लगा है। अब पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लग रहे हैं। अब जो नारे लग रहे हैं उसमें पाकिस्तान से जिंदा भागो का नारा जगह-जगह सुनने को मिलने लगा है। पाकिस्तान से बहुत बड़ी संख्या में लोग विदेशों की ओर पलायन कर रहे हैं। पाकिस्तान के अमीर बड़े शहरों में सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को विवश हो रहे हैं। क्योंकि आम जनता को दो वक्त का खाना भी आसानी से नहीं मिल पा रहा है।