ली ने जीरो कोविड लॉकडाउन किया था लागू, दुनियाभर में हुई आलोचना
बीजिंग । चीन की संसद के सत्र में प्रधानमंत्री के पद का ऐलान हो गया है। चीन ने शनिवार को शीर्ष नेता शी जिनपिंग के करीबी विश्वासपात्र ली कियांग को देश का अगला प्रधानमंत्री नामित किया। उन्हीं की अगुवाई में चीन ने कोरोना की चुनौती को पार किया। वैसे तो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के वो नाममात्र के लिए प्रभारी हैं, लेकिन प्रधानमंत्री की तरफ से स्टेट काउंसिल (केंद्रीय मंत्रिमंडल) की अध्यक्षता की जाती है, जबकि ली क्विंग का प्रधानमंत्री का कार्यकाल इस संसद सत्र के साथ खत्म हो गया। नए नेतृत्व के सभी नामों को कुछ सप्ताह पहले जिनपिंग की अध्यक्षता में हुई सीपीसी की बैठक में मंजूरी दी गई थी।
ली को शी द्वारा नामांकित किया गया और चीन की औपचारिक संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के शनिवार सुबह के सत्र में इस पद पर नियुक्त किया गया था। यह 69 वर्षीय शी के चीन के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के एक दिन बाद सामने आया है। जिनपिंग ने इससे पहले देश के नेता के रूप में तीसरा पांच साल का कार्यकाल हासिल किया और माओ के बाद वो ऐसा करने वाले दूसरे नेता बने। ली को चीनी वित्तीय केंद्र के पार्टी बॉस के रूप में शंघाई में एक सख्त जीरो कोविड लॉकडाउन लागू कराने के लिए जाना जाता है। इस दौरान भोजन, चिकित्सा देखभाल तक की कमी पर आम लोगों की शिकायतों को दरकिनार कर शी के प्रति अपनी वफादारी साबित करते रहे।
ली को उनके मूल निवासी झेजियांग के प्रमुख के रूप में जाना जाता है, जो एक अपेक्षाकृत समृद्ध दक्षिणपूर्वी प्रांत है जिसे अब एक प्रौद्योगिकी और विनिर्माण बिजलीघर के रूप में जाना जाता है। महामारी से पहले ली ने इससे पहले शंघाई और झेजियांग में एक निजी उद्योग के अनुकूल प्रतिष्ठा बनाई थी, यहां तक कि शी ने सख्त राजनीतिक नियंत्रण और सह-विरोधी लागू किया था।
जिनपिंग चीन के झेजियांग प्रोविंस के पार्टी सेक्रेटरी थे और उन्हें इस इलाके में पार्टी को संभालेन के लिए अच्छे नेता की तलाश थी। बस यही खोज उन्हें ली कियांग तक खींच लाई। जब शी जिनपिंग नेशनल पार्टी के लीडर बने तो उन्होंने कियांग को 2012 में झेजियांग प्रोविंस का गवर्नर बना दिया, फिर 2016 में उन्हें जिआंग्सु का भी सेक्रेटरी बनाया गया और 2017 में उन्हें चीन के सबसे अहम शहरों में से एक शंघाई का पार्टी सेक्रेटरी बना दिया।