इमरान खान की गिरफ्तारी वारंट रद्द, सुनवाई 30 मार्च तक के लिए स्थगित
इस्लामाबाद । पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को तोशखाना मामले में इस्लामाबाद कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी वारंट को रद्द कर दिया है, वहीं सुनवाई 30 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है। शनिवार को इमरान की गैर-मौजूदगी में लाहौर की पुलिस ने उनके जमान पार्क के घर को अपने कब्जे में ले लिया था। इमरान इस्लामाबाद में थे, तभी लाहौर में उनके घर पर पुलिस पहुंच गई, घर पर उनकी पत्नी अकेली थीं। घर के सामने पुलिस और पाकिस्तान तहरीक इंसाफ पार्टी के समर्थकों के बीच जमकर झड़पें हुईं थीं।
पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आवास में तलाशी अभियान के दौरान समर्थकों को हिरासत में लिया गया। पुलिस के 10 हजार जवानों द्वारा लाहौर में खान के जमान पार्क निवास पर छापा मारने पर स्थिति और भी गंभीर हो गई है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के कम से कम 61 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और लगभग 10 पीटीआई कार्यकर्ता और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पूर्व पीएम इमरान के घर में शनिवार को लाहौर पुलिस घुस गई थी। इमरान घर पर नहीं थे, वहां केवल उनकी पत्नी थीं। इस दौरान इमरान के समर्थकों के साथ पुलिस की झडपें हुईं। महानिरीक्षक पुलिस पंजाब डॉ. उस्मान अनवर ने कहा कि खान के आवास से कलाश्निकोव सहित 20 राइफल और पेट्रोल बम की बोतलें बरामद की गई हैं। अपने आवास पर छापे पर प्रतिक्रिया देते हुए खान ने अपने लाहौर निवास पर छापे को अदालत की अवमानना कहा। उन्होंने कहा कि मेरे घर में घुसकर कानून का उल्लंघन और मेरे कर्मचारियों और हमारे घरेलू कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा का मुद्दा न्यायपालिका के सामने उठा रहा हूं।
इमरान खान ने कहा कि पुलिस ने उनके घर पर धावा बोल दिया, जहां उनकी पत्नी बुशरा बीवी अकेली थीं, उनका दावा था कि उनके घर पर हमला नवाज शरीफ को सत्ता में वापस लाने के लिए एक मुआवज़े का हिस्सा था। इस्लामाबाद जाते समय इमरान खान के काफिले का एक वाहन भी पलट गया।
इस्लामाबाद पुलिस ने शनिवार को इमरान खान के चीफ ऑफ स्टाफ शिबली फराज को भी गिरफ्तार कर लिया और बाद में उन्हें अतिरिक्त न्यायाधीश के आदेश पर रिहा कर दिया। फराज को सोमवार को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया है। इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख अकबर नासिर खान ने मीडिया को बताया कि खान के समर्थकों ने हिंसा का सहारा लिया, पुलिस पर पथराव किया और एक पुलिस पिकेट को भी आग लगा दी। मौजूदा स्थिति के बीच अशांति और अराजकता की आशंका से लगभग 4 हजार सुरक्षा अधिकारियों, जिनमें संभ्रांत पुलिस कमांडो, आतंकवाद विरोधी दस्ते और अर्धसैनिक रेंजर शामिल हैं, उनको इस्लामाबाद के आसपास तैनात किया गया था और अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया था।