पुणे । वरिष्ठ राकंपा नेता शरद पवार ने  कहा है कि अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने का निर्वाचन आयोग का फैसला ‘‘हैरान करने वाला है।पवार ने  कहा कि निर्वाचन आयोग ने उन लोगों के हाथों से पार्टी छीन ली जिन्होंने इसे बनाया।
शरद पवार ने कहा कि लोगों के लिए कार्यक्रम और विचारधारा अहम है जबकि किसी चुनाव चिह्न की उपयोगिता एक सीमित समय के लिए होती है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि लोग निर्वाचन आयोग के फैसले का समर्थन नहीं करेंगे। इसके खिलाफ हमने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
शरद पवार ने दावा किया कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से उसके किसी भी नेता को प्रवर्तन निदेशालय  की कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ा है। 
शरद पवार ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दावा किया कि जब कोई सत्तारूढ़ भाजपा का विरोध करता है तो सत्ता का दुरुपयोग स्पष्ट दिखाई देता है। उन्होंने दावा किया, ‘‘ईडी ने देश भर में जांच की है, जिसमें 2005 से 2023 तक 6,000 मामले दर्ज किए गए हैं। लेकिन, 25 मामलों में पर्याप्त निष्कर्ष प्राप्त हुए और (जिनमें से) 85 प्रतिशत मामले विपक्ष के नेताओं से जुड़े थे।
शरद पवार ने उनकी पार्टी द्वारा आयोजित ‘आरोग्य दूत अभियान में दावा किया, ‘‘जब से भाजपा (2014 से) सत्ता में है, इस पार्टी के किसी भी नेता को ईडी की कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ा है। इसके अलावा, पार्टी के सत्ता में आने के बाद भाजपा नेताओं के खिलाफ जांच रोक दी गई।
बाद में जब एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों ने उनसे एनसीपी के नाम और चुनाव चिह्न पर निर्वाचन आयोग के फैसले के बारे में पूछा, तो राज्यसभा सदस्य पवार ने कहा कि उन्होंने अपना पहला चुनाव ‘‘बैलों की जोड़ी के चुनाव चिह्न पर लड़ा था। उन्होंने कहा कि विचार और विचारधारा किसी भी चिह्न से अधिक महत्वपूर्ण हैं।