संपादकीय....

आज हरदा में हुए हादसे ने अंतरात्मा को झिझोर कर रख दिया इस हादसे ने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया... कई परिवारों को बेघर कर दिया ...कई लोगों को अपाहिज बना दिया ...ये कैसी व्यवस्था है ...ये कैसा न्याय है । राजनीतिक संरक्षक और प्रशासनिक सहयोग से इस तरह की मौत की फैक्ट्रियां और उनके संचालक लोग फल फूल रहे हैं जब मौत की इस फैक्ट्री में कई बार हादसे हो चुके उसके बावजूद ना तो नेताओं ने इस और ध्यान दिया और ना ही प्रशासन ने यदि पहले हुए हादसों को नजर अंदाज न किया जाता तो आज यह बड़ा हादसा नहीं घट पाता। 

गरीब मजदूर वर्ग का आदमी 2 जून की रोटी की खातिर बारूद के ढेर पर बैठकर काम कर रहा है और उसकी मजबूरी और मजदूरी का फायदा उठाकर इस तरह के व्यापारी फल फूल रहे। इस तरह की लापरवाहियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता इससे जुड़े हुए सभी उन गैर जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना बेहद जरूरी है यदि फिर उन्हें छोड़ दिया तो इस तरह के हादसे होते रहेंगे और हम सिर्फ मौत का तमाशा देखते रहेंगे ।

न्यूज़ सोर्स : हरदा