आज सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ
भोपाल । जम्मू कश्मीर में आ रहे पश्चिमी विक्षोभ की वजह से उत्तरी हवा की गति थमी है। इस कारण रात में ठंड से हलकी राहत मिली है लेकिन दिन में ठंडी हवा चलने से गर्म कपड़े पहनने पड़े। एक दिसंबर को कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ पहुंच जाएगा। इसके असर से उत्तरी हवा थम जाएगी और पश्चिमी हवा का चलना शुरू हो जाएगी दिसबंर की शुरुआत में तीन दिनों तक राहत रहेगी। पश्चिमी विक्षोभ के गुजर जाने के बाद तापमान में तेजी से गिरावट आएगी।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू कश्मीर में बर्फबारी हो चुकी है। पिछले पांच दिन से कश्मीर का मौसम प्रभावित करने वाला सिस्टम नहीं था। इस कारण उत्तरी हवा मजबूत हो गई थी। क्षोभ मंडल के मध्य तक चल रही थी। यह हवा अपने साथ बर्फीली ठंकक लेकर आ रही थी। इस कारण रात का तापमान आठ डिसे पर आ गया था। रात में कंपाने वाली ठंड बढ़ गई थी। सुबह दस बजे तक धूप का गुनगुना अहसास हो रहा था। अब पश्चिमी विक्षोभ के कारण हलकी राहत मिल गई है।
राजधानी में पिछले 11 दिनों से रात का तापमान 10-11 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ था। जिसके चलते रात में सिहरन बनी हुई थी। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को शहर का न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य रहा लेकिन सोमवार के न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस की तुलना में दो डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। इसके पहले 17 नवंबर को राजधानी का न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो 18 नवंबर को 3.8 डिग्री सेल्सियस लुढ़ककर 10.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया था। उसके बाद से रात का तापमान लगातार 11 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ था।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि राजस्थान पर बने प्रति चक्रवात के असर से पिछले छह दिनों से हवाओं का रुख बार-बार बदलकर उत्तरी उत्तर-पूर्वी होता रहा है। हालांकि रात के समय उत्तरी हवाएं चलने से शहर में रात का तापमान 11 डिग्री सेल्सयिस के आसपास बना हुआ था। सोमवार को रात के समय से हवा का रुख पूर्वी होने के कारण रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। अभी दो-तीन दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने के आसार हैं। दो दिसंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में पहुंचेगा। उसके प्रभाव से वहां के पहाड़ों पर बर्फबारी होगी। दो दिन बाद पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढऩे पर एक बार फिर हवाओं का रुख उत्तरी होने लगेगा। सर्द हवाओं के चलने के कारण एक बार फिर सर्दी बढ़ जाएगी।