नई दिल्ली । सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण के कुछ अंशों को हटाये जाने के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र का विषय नही है और असंसदीय शब्दों का एक संग्रह है और उसके अनुरूप ही असंसदीय शब्दों को हटाया जाता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण से ‘भारत माता नहीं बल्कि असंसदीय शब्दों को हटाया गया। जोशी ने कहा कि विपक्ष ने केवल दिल्ली सेवा से जुड़े एक विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लिया, वह भी इसलिये क्योंकि उन्हें गठबंधन के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करना था। बीस जुलाई से शुरू संसद का मानसूत्र सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। मणिपुर मुद्दे सहित कुछ अन्य विषयों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मानसून सत्र के दौरान कामकाज बाधित रहा। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा ‎कि मुझे वास्तव में विपक्ष के रूख को लेकर दुख हो रहा है क्योंकि संसद चर्चा का स्थान है। पिछली बार भी विपक्ष ने कुछ विषयों को उठाते हुए कार्यवाही को बाधित किया था, इस बार भी मणिपुर के मुद्दे पर कामकाज में बाधा डाली। उन्होंने कहा ‎कि सरकार ने विपक्ष को भरोसा दिया था, हम चर्चा को तैयार थे, आसन ने भी आग्रह किया था लेकिन विपक्ष ने सहयोग नहीं किया विधेयकों एवं अन्य विषय सूचीबद्ध होने के बावजूद विपक्ष ने चर्चा में हिस्सा नहीं लिया। 
प्रह्लाद जोशी अपने सहयोगी संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संसद में यह केवल सरकारी कामकाज नहीं था, बल्कि लोगों से जुड़ा कामकाज था लेकिन विपक्ष ने काम नहीं करने दिया। विपक्ष के दावों को गलत बताते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार किसी भी विधेयक को बिना चर्चा के पारित नहीं करना चाहती थी। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में कुछ विधेयकों पर चर्चा भी हुई किंतु लोकसभा में केवल कुछ विधेयकों पर संक्षिप्त चर्चा हुई क्योंकि विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।