पेरियापटना । ‎इस बार पे‎रियापटना सीट पर  दिग्गज उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में उतरने से दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है। गौरतलब है ‎कि राष्ट्रीय दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो पूर्व मंत्रियों को क्षेत्रीय दल के एक मौजूदा विधायक के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा गया है। पेरियापटना विधानसभा सीट से जेडीएस के विधायक महादेवा, कांग्रेस पार्टी से के. वेंकटेश और बीजेपी के सीएच विजयशंकर के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है। कांग्रेस पार्टी से के. वेंकटेश ने जेडीएस और जनता दल से इस निर्वाचन क्षेत्र में 5 बार जीत हासिल की है। इसके अलावा उनकी वोक्कालिगा समुदाय में अच्छी पकड़ है। साल 1985 में पहली बार विधायक बने थे। जिसके बाद फिर साल 2004 में दूसरी बार विधायक बने। फिर उन्होंने साल 2006 में जद (एस) पार्टी से कांग्रेस में शामिल हो गए। जिसके बाद साल 2008 और 2013 में वह कांग्रेस से विधायक बने। बता दें कि साल 2013 के चुनावों के दौरान कैंडिडेट की मौत होने पर पेरियापटना के चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। साल 2013 के चुनावों में कांग्रेस को बहुमत मिली थी। तब सिद्धारमैया सीएम बने थे। वहीं जेडीएस के उम्मीदवार ने कांग्रेस के वेंकटेश को हराने के लिए कड़ी मेहनत की थी। जिसका परिणाम उन्हें साल 2018 के चुनावों में हासिल हुआ। 
साल 2018 में अपने तीसरे प्रयास में महादेवा ने कांग्रेस उम्मीदवार वेंकटेश के खिलाफ जीत हासिल की थी। इस क्षेत्र में वोक्कालिगा एक प्रमुख शक्ति हैं। एक अनुमान के अनुसार, इस क्षेत्र में 28,000 एससी, 40,000 कुरुबा, 20,000 एसटी, 16,000 मुस्लिम, 15,000 ईसाई, 15,000 लिंगायत और 40,000 वोक्कालिगा वोटर हैं। मैसूरु जिला कांग्रेस कमेटी के प्रमुख बीजे विजयकुमार की जड़ें पेरियापटना में काफी गहरी हैं। विजयकुमार का कहना है कि जेडीएस विधायक और बीजेपी उम्मीदवार क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं। क्षेत्र में युवा मतदाता बड़ी संख्या में हैं। वह सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी का समर्थन कर रहे हैं। वहीं महादेवा जो विधायक से पहले पेरियापटना नगर निकाय के प्रमुख थे, उनका कहना है कि वह अपने काम के आधार पर जनता से वोट मांग रहे हैं। वहीं बीजेपी के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे विजयशंकर ने कहा कि पुराने मैसूरु क्षेत्र में यह सीट जीतने योग्य निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है।