कोरबा, जानकारी के अनुसार अब तक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में अध्यापन कराने वाले शिक्षकों की तलाश पूरी नहीं हुई है। दो बार भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी 230 में से 46 शिक्षकों के पद अब भी नहीं भरे हैं। सीबीएसई माध्यम से बारहवीं व बीएड अभ्यर्थियों के उम्मीदवार नहीं मिलने से उक्त पद खाली है। रिक्तियों को पूरा करने के लिए विभाग के शिक्षकों से आवेदन मंगाए गए हैं, लेकिन पहले से ही शहर के स्कूलों में जमे होने के कारण वे गांव नहीं जाना चाहते। ऐसे में अंग्रेजी स्कूल संचालन की अवधारणा पूरी नहीं हो पा रही।
एक ओर हिंदी माध्यम सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की हड़ताल के कारण पढ़ाई बाधित है, वहीं अंग्रेजी माध्यम आत्मानंद स्कूलों में संविदा शिक्षकों की भर्ती नहीं होने से पढ़ाई ठप्प है। बेहतर शिक्षा की आकांक्षा से शुरूआत की गई ये संस्थानें शिक्षकों की कमी की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। स्कूल में अपने बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए अभिभावकों ने भारी मशक्कत की थी। उम्मीद यह थी कि यहां बेहतर शिक्षा मिलेगी पर शिक्षकों की कमी ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है। 
बताया जा रहा हैं की नए शैक्षणिक सत्र से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की शुरूआत की गई है। खास बात यह है कि रिक्त पदों को भरने के लिए सीबीएसई माध्यम से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के आवेदन ही स्वीकृत किया जाना था, लेकिन सीजी माध्यम से पढ़ाई करने वाले भी आवेदन किए थे। ऐसे में छंटाई के दौरान ही 30 प्रतिशत आवेदन अयोग्य पाए गए। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब 46 पद फिर से खाली हो गए हैं। इनमें ज्यादातर रिक्तियां प्राथमिक और मिडिल स्कूल के हैं। इन पदों के लिए प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा। भर्ती पूरी होगी तब तक सितंबर का आधा माह बीत चुका होगा और त्रैमासिक परीक्षा का समय आ चुका होगा। ऐसे में छात्र-छात्राओं को बिना विषय शिक्षक की पढ़ाई कर परीक्षा देनी होगी। अंतिम सूची जारी होने के बाद भी शिक्षक नहीं आए तो फिर से नई सूची जारी करनी पड़ सकती है। अगर ऐसा हुआ तो बच्चों को और अधिक इंतजार करना होगा।