बजट तैयार कर रही सरकार को आमजन ने दिए सुझाव
भोपाल । राज्य सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा का बजट के बजट को बढ़ाए, पेट्रोल-डीजल पर वेट कम करे, जिससे आमजन को राहत मिलेगी। महंगाई पर भी अंकुश लगेगा। परीक्षाओं का शुल्क सिर्फ 50 रुपए हो, सरकारी विभागों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए ....। अगले वित्तीय वर्ष के लिए राज्य का बजट तैयार कर रही राज्य सरकार को आमजन की ओर ये सुझाव मिले हैं। अभी तक ऑनलाइन और ऑफलाइन के माध्यम से सरकार तक सैकड़ो सुझाव मिल चुके हैं। सुझाव अभी लिए जा रहे हैं। आमजन 24 जनवरी तक सुझाव भेज सकते हैं।
कोरोनाकाल के बाद से बाद से लोग स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हुए हैं, ऐसी ही गंभीरता वे सरकार से भी चाहते हैं। इसलिए स्वास्थ्य बजट में इजाफा किए जाने सुझाव दिया गया है। सरकार बजट में ऐसी व्यवस्था करे, जिससे प्रदेश कॉलोनी व मोहल्ले में एक स्वास्थ्य क्लीनिक खोला जाए। जिसमें एक-एक चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ, टेकनीशियन पदस्थ किये जाए। ताकि कोविड जैसी अन्य रोगों के उचित उपचार या परामर्श तत्काल मिल सके। मालूम हो वर्तमान में स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 15890 करोड़ रुपए है। पिछले वित्तीय वर्ष से यह 9 प्रतिशत अधिक है। महंगाई से परेशान लोग चाहते हैं कि इस बजट में सरकार पेट्रोल-डीजल में वेट कम कर कुछ राहत दे सकती है। इस दिशा में प्रयास किए जा सकते हैं। वहीं सरकारी फिजूलखर्ची पर भी लगाम लगाए जाने की बात लोगों ने कही है। महिलाओं, बालिकाओं के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए जाने का सुझाव दिया गया है।
पंजाब फार्मूला एमपी में भी लागू हो
संविदा कर्मियों के मामले में पंजाब फार्मूला लागू किए जाने का सुझाव आविद खान ने दिया है। इन्होंने कि पंजाब सरकार की तरह यहां भी संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए। करतार सिंह ने सुझाव दिया कि शिक्षकों का कार्य समान तो फिर वेतन विसंगति क्यों है। समान कार्य के साथ समान वेतन का प्रावधान किया जाए। मुकेश प्रजापति ने सुझाव दिया कि सभी नगर पालिका, नगर परिषद, पंचायत, कॉलेज, सीएम राइज स्कूलों में पुस्तकालयों की स्थापना कर ग्रंथपाल के पद निर्मित कर भर्ती की जाए। जनमेद कुमार ने सुझाव दिया कि प्रदेश की सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए। जिससे रिक्त पद भरेंगे, लोगों को नौकरी मिलेगी, वहीं सरकारी विभागों में काम-काज में गति आएगी। अनुराग पाटीदार ने पटवारियों का ग्रेड-पे 2400 रुपए करने का सुझाव देते हुए निचले स्तर पर भी ध्यान दिए जाने की बात कही। अंशुल अग्रवाल ने सुझाव दिया कि ईपीएस पेंशनर के लिए अलग से बजट दिया जाना चाहिए। न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए की जाए, राज्य सरकार इसमें योगदान दे। इस महंगाई के दौर में 1000 रुपए की पेंशन में जीवन यापन मुश्किल है। कपिल पाठक ने सुझाव दिया कि ग्राम रोजगार सहायकों को नियमित किया जाए।
यह सुझाव भी दिए लोगों ने
बजट में तार्किक शिक्षा, आधुनिक ट्रेनिंग और भ्रष्टाचार उन्मूलन पर निवेश बढ़ाना चाहिए। अतिथि शिक्षकों के मानदेय में इजाफा किया जाए। सरकार नियमितीकरण में प्राथमिकता दे। कृषि उपज को निर्यात करने का कार्य शासन द्वारा किया जाए। एवं रोजगार और अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए सर्विस सेक्टर पर जोर दें। सभी शासकीय वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगाया जाए एवं उससे लॉग बुक से मिलाया जाए, इससे वाहनों का दुरुपयोग रुकेगा। हर जिले के हर ब्लॉक में हर माह रोजगार मेला लगाकर बड़ी कंपनियों को बुलाया जाए। जिससे लोगों को रोजगार और नौकरी मिलेगी। ग्राम पंचायत में सुविधाओं का अभाव है। शिक्षा, स्वास्थ को लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। इसके लिए बजट प्रावधान हो।