राजधानी समेत पूरे राज्य में 108 एंबुलेंस सेवा ठप हो गई है। पांच माह से वेतन नहीं मिलने से नाराज जिले के 108 एंबुलेंस से जुड़े चालक और टेक्नीशियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे राज्य के गंभीर मरीजों का हाल बुरा है। मरीज ज्यादा रकम खर्च कर निजी एंबुलेंस ले रहे हैं। राजधानी में एंबुलेंस के कॉल सेंटर में बुधवार को दिनभर फोन की घंटिया बजती रही, लेकिन एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल सकी। कॉल सेंटर में काल करने पर बताया गया कि तकनीकी कारणों की वजह से राज्य में एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल पा रही है। राजधानी सहित राज्य में 337 एंबुलेंस हैं। कॉल सेंटर में एक दिन में करीब 100 से अधिक कॉल आते हैं, लेकिन बुधवार को एंबुलेंस सेवा नहीं मिलने पर मरीजों को सबसे अधिक परेशानी हुई।

108 के परिचालन के लिए नई एजेंसी के चयन के बाद बढ़ा विवाद

राज्य में 108 एंबुलेंस की सेवा मुहैया कराने वाली जिकित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड का कार्यकाल 17 अगस्त, 2023 तक है। दूसरी तरफ सरकार ने नई एजेंसी इएमआरआइ ग्रीन हेल्थ सर्विस के साथ 108 एबुलेंस के परिचालन के लिए करार दिया है। पुरानी एजेंसी और नई एजेंसी के बीच 11 से 16 अगस्त के बीच हैंडओवर-टेकओवर होना है। इस बाबत स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।

मानदेय भुगतान कौन करेगा?

इसे लेकर जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड हाइकोर्ट में चली गई है। इस विवाद से चिंतित चालक हड़ताल पर चले गए हैं। चालकों का कहना है कि पुरानी एजेंसी की सेवा समाप्त होने के बाद हम लोगों का मानदेय भुगतान कौन करेगा? जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड के एंबुलेंस ऑपरेशन से जुड़े धनेश्वर ने बताया कि राज्य सरकार से बकाया है। बकाया प्राप्त होने के बाद चालकों का भुगतान किया जाएगा।