दक्षिण एशिया में आतंकवाद को लगातार बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान अब खुद अपनी जमीन पर बढ़ रही दहशतगर्दी से परेशान है। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद से ही पाकिस्तान ने लगातार सीमा पर रहने वाले अफगान लोगों और शरणार्थियों पर आतंक फैलाने का आरोप लगाया है। यहां तक कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की गतिविधियों के लिए भी शरीफ सरकार लगातार अफगानिस्तान को ही दोष दे रही है। इस बीच अमेरिका ने इन आरोपों पर पाकिस्तान को आईना दिखाया है।

व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि अब तक इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि पाकिस्तान में रह रहे अफगान शरणार्थी या वे जो दोनों देशों की सीमा पर रह रहे हैं, वे आतंकवाद फैलाने के गुनहगार हैं।हाल ही में पाकिस्तान की सेना ने चिंता जताई थी कि उनके देश में आतंक फैलाने वालों को अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकाना मिल रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को कहा कि हमें ऐसी किसी घटना के कोई सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को अफगान शरणार्थियों की सुरक्षा करने का संदेश भी दे दिया। किर्बी ने तंज कसते हुए कहा कि हम पाकिस्तान के साथ उसके साथ असल आतंकवाद से जुड़े खतरों से निपटना जारी रखेंगे।