कोहली-गंभीर की लड़ाई पर बुरी तरह भड़के सुनील गावस्कर....
भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और गौतम गंभीर पर बुरी तरह भड़के हैं. दरअसल, सोमवार को मैच के बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटॉर गौतम गंभीर आपस में भिड़ गए. इस मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने लखनऊ सुपर जायंट्स को 18 रनों से हराया था, जिसके बाद विराट कोहली और गौतम गंभीर के बीच खेल खत्म होने के बाद भयंकर लड़ाई देखने को मिली है.
कोहली-गंभीर की लड़ाई पर बुरी तरह भड़के गावस्कर
विराट कोहली और गौतम गंभीर की लड़ाई पर अब लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने अपने एक विस्फोटक बयान से बवाल मचा दिया है. सुनील गावस्कर ने आखिर क्यों विराट कोहली और गौतम गंभीर को लेकर अचानक गुस्सा जाहिर किया है, अगर इसके पीछे की वजह के बारे में पता चलेगा तो फैंस भी हैरान रह जाएंगे. सुनील गावस्कर का कहना है कि इस मामले में बीसीसीआई को विराट कोहली और गौतम गंभीर को कड़ी सजा देनी चाहिए थी.
गावस्कर ने अपने इस बयान से मचा दिया तहलका
सुनील गावस्कर ने कहा, 'मैंने इस लड़ाई के वीडियो देखे. मैंने इस मैच को लाइव नहीं देखा था. इस तरह की चीजें कभी अच्छी नहीं लगती हैं. 100 फीसदी मैच फीस का जुर्माना क्या होता है? 100 फीसदी मैच फीस होती कितनी है? अगर विराट को 17 करोड़ रुपये मिलते हैं और वह 16 मैच खेलते हैं, सेमीफाइनल और फाइनल मिलाकर, तो इसका मतलब करीब 1 करोड़ रुपये की बात है. यह बहुत कम है. मुझे नहीं पता कि गंभीर की क्या स्थिति है, इन दोनों को यह तय करना चाहिए कि इस तरह की चीज आगे नहीं होगी. दोनों पर काफी कम जु्र्माना लगा है. मेरे हिसाब से दोनों को एक दो मैचों से हटाना चाहिए था, जिससे खिलाड़ी और टीम दोनों को झटका लगे.'
कैमरे में कैद हुई घटना
बता दें कि दिल्ली के दो धुरंधरों विराट कोहली और गौतम गंभीर के बीच मैदान पर आईपीएल मैच के बाद हुई लड़ाई से एक बार फिर सार्वजनिक हो गया कि एक दूसरे के लिये दोनों के मन में कितनी कड़वाहट है. कैमरे में कैद हुई इस लड़ाई में दोनों ने जमकर गालियां भी दी. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और लखनऊ सुपर जाइंट्स के बीच सोमवार की रात हुए मैच के दौरान हुई इस झड़प की शुरूआत कहां से हुई, इसे लेकर वहां मौजूद लोगों के अलग अलग मत हैं. कुछ इसे बचपना कह रहे हैं तो कुछ लोगों को इस प्रतिद्वंद्विता में मसाला मिल रहा है जबकि कुछ का मानना है कि ‘भद्रजनों के खेल’ में इस तरह की घटनाओं से बचना चाहिए.