इस्लामाबाद । पाकिस्तान की जीडीपी वृद्धि में 0.4 प्रतिशत की भारी गिरावट का अनुमान लगाया है। विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि आईएमएफ कार्यक्रम के पूरा न होने, प्रमुख द्विपक्षीय भागीदारों से वित्तपोषण हासिल करने में विफलता और राजनीतिक अस्थिरता के चलते एक बड़े व्यापक आर्थिक संकट का विस्फोट हो सकता है। जानकारी के अनुसार एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने एक अलग रिपोर्ट में, 0.6 प्रतिशत की काफी कम जीडीपी विकास दर, 27.5 प्रतिशत तक की मुद्रास्फीति और पाकिस्तान में चल रहे विदेशी मुद्रा संकट का अनुमान लगाया है। वर्ल्ड बैंक ने कहा, देश का दृष्टिकोण प्रमुख नकारात्मक जोखिमों के अधीन है, जो कि यदि वे अमल में आते हैं, तो एक व्यापक आर्थिक संकट हो सकता है। आईएमएफ कार्यक्रम के पूरा न होने और प्रमुख द्विपक्षीय भागीदारों से अपेक्षित रोलओवर, पुनर्वित्त और नए वित्तपोषण को सुरक्षित करने में विफलता जोखिम बढ़ाती है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष के दौरान पाकिस्तान में गरीबी में एक प्रतिशत की वृद्धि के कारण लगभग चार मिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे आ गए।
हालां‎कि इसके ‎लिए निम्न मध्य-आय गरीबी रेखा पर मापी गई। गरीबी वित्त वर्ष 2022 में 36.2 प्रतिशत के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 में 37.2 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2022 की तुलना में अतिरिक्त 3.9 मिलियन लोगों को गरीबी में धकेल रहा है। विश्व बैंक के देश के निदेशक नाजी बेहासीन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आईएमएफ कार्यक्रम के पुनरुद्धार के लिए बाहरी वित्तपोषण की जरूरतों को पूरा करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास इस कार्यक्रम की मांग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा क्योंकि इससे विश्वास बहाल करने में मदद मिलेगी।