गरीबों के राशन में घोटाला, 13 साल बाद फूड अफसर पर एफआईआर
भोपाल । 13 साल से नर्मदापुरम खाद्य विभाग में दबा गरीबों के लाखों का राशन वितरण घोटाला फिर से ताजा हो गया है। यहां पूर्व में पदस्थ रही महिला फूड अधिकारी कादंबनी थकाते पर विभाग ने ही पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। साथ ही राशन दुकान के संचालक प्रकाश तिवारी को भी आरोपी बनाया गया है। यह कार्रवाई देहात थाना पुलिस ने बीते दिवस की है। जिसमें थाना प्रभारी अनूप सिंह नैन ने बताया कि
नर्मदापुरम जिला खाद्य विभाग की कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी मीनाक्षी दुबे की रिपोर्ट पर आरोपी कादंबनी थकाते एवं राशन दुकान संचालक प्रकाश तिवारी के खिलाफ मप्र विनिदिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम की धारा 3/33 सहित आईपीसी की धारा 420, 409, 467, 468 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है। राशन वितरण एवं सब्सिडी का यह मामला 22 फरवरी 2008 से लेकर 31 दिसंबर 2009 के बीच का है। आरोपी महिला अधिकारी कादंबनी धकाते अभी वर्तमान में रतलाम जिले में पदस्थ है। उनसे प्रकरण के संबंध में पूछताछ के लिए नर्मदापुरम लाया जाएगा। इसके बाद गिरफ्तारी होगी। आरोपी प्रकाश तिवारी हर्ष शिक्षित बेरोजगार मर्यादित सहकारी समिति चलाता है और राशन दुकान संचालक के साथ पूर्व में एक सहकारी बैंक का संचालक भी रहा है। उसके कई नेताओं से भी घनिष्ठ संबंध बताए जाते हैं। उसे राशन दुकान संचालकों का लीडर भी माना जाता है।
शासन को लगाया लाखों का चूना
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों ने राशन कार्ड में हेराफेरी कर शासन को करबी 19 लाख 15 हजार 200 रुपए की राशि का चूना लगाया है। जिसमें 13 साल बाद एफआईआर कराई गई है। पुलिस ने विभाग के ही प्रतिवेदन पर आपराधिक मामला दर्ज किया है। कादंबनी धकाते अभी रतलाम जिले में पदस्थ है, जिसने वर्ष 2008-09 में करीब साढ़े 19 लाख रुपए से अधिक की सब्सिजी की राशि में दुकान संचालक के साथ मिलीभगत कर हेराफेरी की थी। इसमें गरीब हितग्राहियों को आवंटित राशन में घोटाला हुआ था। गड़बड़ी का यह सिलसिला करीब एक साल तक चलता रहा, लेकिन किसी को भी इसकी भनक लगी थी। 13-14 साल पुराने इस मामले में अब जाकर कार्रवाई हुई है। दोनों आरोपियों ने मिलकर समीपस्थ ग्राम डोंगरवाड़ा एवं हाउसिंग बोर्ड के पास स्थित कुलामढ़ी गांव की राशन दुकान में गरीब परिवारों के हितग्राहियों के राशन कार्डों में हेराफेरी कर गेहूं, चावल, शक्कर, केरोसिन अन्य खाद्य सामग्री में जमकर घोटाला किया। 23 माह में ही साढ़े 19 लाख रुपए डकार डाले। उस वक्त शिकायत हुई थी, लेकिन मामले को वरिष्ठ अधिकारियों ने दबा दिया था। इसके बाद फूड अधिकारी कादंबनी धकाते तबादला कराकर यहां से चलीं गईं। हालांकि उनका तबादला प्रशासनिक तौर पर हुआ था। बता दें कि सहकारी समिति संचालक प्रकाश तिवारी से अधिकारियों एवं नेताओं से मधुर संबंध रहे हैं। इसलिए उसकी गड़बडिय़ों की शिकायतें आने के बाद भी मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अभी भी उसकी शहर में दुकानें हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों की पहले गिरफ्तारी होगी उसके बाद उनसे सघनता से पूछताछ की जाएगा। चूंकि मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है, इसलिए जांच में भी तेजी लाई जाएगी।