दिल्ली कैपिटल्स के कोच पद से रिकी पोंटिंग का इस्तीफा
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने 2018 से 2024 तक सात सीजन के कार्यकाल के बाद दिल्ली कैपिटल्स से अलग होने के बाद आईपीएल में अपने अगले संगठन को तय करने में ज्यादा समय नहीं लगाया। पोंटिंग ने पंजाब किंग्स के साथ चार साल का कॉन्ट्रेक्ट किया है, जो फ्रेंचाइजी के इतिहास में सबसे लंबा है, क्योंकि पंजाब किंग्स के लिए दिल्ली कैपिटल्स के पूर्व मुख्य कोच से पहले 10 कोच काम कर चुके हैं। बता दें कि पोंटिंग बतौर कोच वाशिंगटन फ्रीडम के साथ मेजर लीग क्रिकेट जीतकर आ रहे हैं। वहीं आईपीएल 2025 के लिए मेगा ऑक्शन किए जाने हैं इसलिए यह उनके लिए अच्छा रहेगा और यह उन्हें नए सिरे से शुरुआत करने का मौका देगा।
पोंटिंग ने कही ये बात
पोंटिंग ने माना कि कैपिटल्स से अलग होने के बाद उन्हें प्रोजेक्ट पंजाब ने काफी आकर्षित किया, क्योंकि उन्हें कुछ और ऑफर मिले थे। उन्होंने ईएसपीएन क्रिकइंफो कहा कि हां, मैं कुछ टीमों से बात कर रहा था, लेकिन यह प्रोजेक्ट पंजाब था जिसने मुझे आकर्षित किया। यह एक ऐसी टीम है जिसे लंबे समय से बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली है, एक ऐसी टीम जिसने कोच बहुत बदले हैं, इसलिए मैंने इसे एक चुनौती के रूप में देखा।
पंजाब किंग्स को क्यों चुना
पोंटिंग ने कहा कि वह पिछले सीजन में पंजाब की टीम के कुछ युवा खिलाड़ियों से प्रभावित थे और किंग्स के साथ चार सीजन के करार के साथ उन्हें खिताब जीतने की उम्मीद है, जो वह कैपिटल्स के साथ सात साल में नहीं कर सके। जाहिर है कि यही एक कारण था कि उन्हें कोच के रूप में बरकरार नहीं रखा गया क्योंकि कैपिटल्स सात में से तीन सीजन में प्लेऑफ में पहुंची थी जिसमें 2020 में फाइनल भी शामिल है, लेकिन पोंटिंग ने खुलासा किया कि यह एकमात्र कारण नहीं था।
टी20 लीग के बदलते ट्रेंड का असर
पोंटिंग ने कहा कि इस साल मैंने एक बात पर गौर किया है कि बहुत सी आईपीएल फ्रैंचाइजी, क्योंकि अब उनके पास ज्यादातर टी20 लीग में बहुत सी टीमें हैं, वे लगभग पुराने कोचिंग स्टाफ रखना चाहती हैं, यही एक ऐसी चीज थी जिसकी वजह से मैं डीसी के साथ परेशानी में पड़ गया। वे ज्यादा समय चाहते थे और साल के ज्यादातर समय के लिए मैदान पर भारत से आए कोच को रखना चाहते थे। मैं इसके लिए प्रतिबद्ध नहीं हो सका। ऐसा लगता है कि बहुत सी टीमें इसी तरह आगे बढ़ रही हैं और यह बिल्कुल सही है।