सपने बड़े, जेब खाली! भारत में कंटेंट क्रिएटर्स की कमाई पर रिपोर्ट का झटका

आजकल कंटेंट क्रिएशन का काम काफी तेजी से फैल रहा है. भारत में लाखों कंटेंट क्रिएटर्स हर रोज किसी न किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए कंटेंट बनाते हैं. भारत के लाखों युवाओं के बीच अब यूट्यूब या इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कंटेंट बनाकर सक्केसफुल होना एक ट्रेंडिंग लक्ष्य हो गया है. कई टीनएजेर्स ऐसा सपना देखने लगे हैं कि उन्हें अपना करियर सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएशन की फील्ड में ही बनाना है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के कंटेंट क्रिएटर्स कितना कमाते हैं. इसके बारे में बोस्टन कंसल्टिंग ग्रूप (BCG) ने एक रिपोर्ट पेश की है, जो आपको हैरान कर सकती है.
इस ग्रुप की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के कंटेंट क्रिएटर्स की आय को लेकर एक कड़वी सच्चाई सामने आई है. भारत में लगभग 20 से 25 लाख ही एक्टिव कंटेंट क्रिएटर्स हैं, जिनमें से सिर्फ 8 से 10 प्रतिशत क्रिएटर्स ही अच्छी कमाई कर पा रहे हैं. बाकी के लगभग 90 प्रतिशत एक्टिव कंटेंट क्रिएटर्स काफी कम पैसा कमा रहे हैं या नहीं कमा रहे हैं.
भारत का क्रिएटर इकोसिस्टम
दिलचस्प बात यह है कि BCG की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का क्रिएटर इकोसिस्टम हर साल करीब 20 से 25 बिलियन डॉलर (यानी करीब 1.6 से 2.1 लाख करोड़ रुपये) की डायरेक्ट इंकम कर रहा है. भारतीय क्रिएटर्स की कमाई का यह आंकड़ा इस दशक के अंत यानी 2029-30 तक बढ़कर 100 से 125 बिलियन डॉलर तक (करीब 8.4 से 10.5 लाख करोड़ रुपये) पहुंच सकता है. हालांकि, इतनी मोटी रकम की कमाई के बाद भी क्रिएटर्स की पर्सनल इंकम में काफी असमानताएं देखने को मिलती है.
रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर क्रिएटर्स का मंथली इंकम 18,000 रुपये से भी कम है. इसका मतलब है कि वो हर साल में करीब 2 लाख रुपये से थोड़ा ज्यादा कमा पाते हैं. उनके बाद छोटे स्तर के क्रिएटर्स हर साल लगभग 3.8 लाख रुपये तक की कमाई कर पाते हैं. इसके अलावा जिन क्रिएटर्स के पास 1 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स, काफी अच्छा एंगेजमेंट और ब्रांड डील्स हैं, वो हर महीने लगभग 50,000 रुपये या उससे भी ज्यादा रुपया कमा रहे हैं. हालांकि, ऐसे क्रिएटर्स की संख्या बहुत कम है. भारत में छोटे और बड़े स्तर के क्रिएटर्स की कमाई में इतना बड़ा गैप होने का कारण ओवरसप्लाई (क्रिएटर्स की ज्यादा संख्या) को बताया जा रहा है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लाखों लोग ऑडियंस बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम क्रिएटर्स ऐसे हैं, जो इसे स्थाई आय में बदल पाने में सफल हो रहे हैं.
जहां एक ओर क्रिएटर्स पैसे कमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर उन्हें देखने वाले यूज़र्स की खरीदारी की आदतों पर जबरदस्त प्रभाव पड़ता जा रहा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस वक्त क्रिएटर-लेड कंटेंट हर साल $350 से $400 बिलियन (लगभग ₹29 से ₹33 लाख करोड़) की कंज्यूमर स्पेंडिंग पर इफेक्ट करता है और 2031 तक यह आंकड़ा तक $1 ट्रिलियन (₹84 लाख करोड़) तक पहुंच सकता है.
क्रिएटर्स को ढूंढने होंगे कमाई के नए तरीके
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कंटेंट क्रिएटर्स मौजूदा तरीकों को फॉलो करके पैसे नहीं कमा पा रहे हैं, तो उनके लिए अन्य विकल्प क्या हैं. इसी रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिएटर्स को अपनी कमाई के लिए विज्ञापनों के अलावा अन्य सोर्स ऑफ इंकम को ढूंढना होगा. इसके लिए उन्हें अपने फॉलोअर्स के साथ काफी डीप कनेक्शन बनाना होगा और फिर उन्हें एक्सक्लूसिव कंटेंट बेचकर पेड सब्सक्रिप्शन के जरिए पैसे कमाने होंगे. क्रिएटर्स की कमाई के नए तरीके कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं:
- Live Commerce – लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान प्रोडक्ट्स की बिक्री करके पैसे कमाए जा सकते हैं.
- Virtual Gifting – दर्शकों द्वारा रीयल टाइम में क्रिएटर्स को गिफ्ट भेजे जाते हैं, जिससे क्रिएटर्स की कमाई हो सकती है.
- Subscriptions – एक्सक्लूसिव कंटेंट के लिए मासिक या वार्षिक सब्सक्रिप्शन बेचकर भी क्रिएटर्स की कमाई हो सकती है.
- Affiliate Marketing – प्रोडक्ट प्रमोशन से कमीशन कमाकर भी क्रिएटर्स अपनी कमाओई का नया तरीका ढूंढ सकते हैं.
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रूप (BCG) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फैशन, ब्यूटी, फूड, गेमिंग और एंटरटेनमेंट जैसे सेक्टर्स में वीडियो कंटेंट बनाने वाले क्रिएटर्स ज्यादा पैसे कमाते हैं, क्योंकि इन सेक्टर्स के कंटेंट की एंगेजमेंट हाई होती है. हालांकि, अब फाइनेंस, एजुकेशन और टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर्स में भी एंगेजमेंट्स बढ़ने लगे हैं. ऐसे में क्रिएटर्स इन सेक्टर्स में अपनी कमाई के नए सोर्स को आज़मा सकते हैं.