प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जुलाई को राजस्थान का दौरा करेंगे। इस दौरान पीएम जाट बहुल नागौर के खरनाल में कई कार्यक्रमों में शिकरत करने के अलावा जनसभा को भी संबोधित करेंगे। खासतौर से कृषि कानूनों के कारण भाजपा की सहयोगी रही आरएलएसपी से बनी दूरी के बाद इस दौरे को बेहद अहम माना जा रहा है।

इससे पहले पीएम इसी महीने बीकानेर का दौरा कर चुके हैं।

पीएम नागौर के दौरे में जाट समाज के लोक देवता वीर तेजाजी मंदिर में दर्शन और पूजा पाठ करेंगे। इसके अलावा यहां किसान सम्मान निधि की 14वीं किस्त जारी करेंगे। इसके तहत नौ करोड़ किसानों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपये स्थानांतरित करेंगे। पीएम इसी दिन जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

आठ साल से नहीं हुई दिल्ली के नालों की सफाई : भाटिया
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शनिवार को कहा कि दिल्ली में बाढ़ की स्थिति में जिस तरीके से सेना राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई है, वह काम एक निठल्ले, भ्रष्टाचारी, धोखेबाज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को करना था। भाटिया ने कहा कि 13 जुलाई को जब दिल्ली में बाढ़ का संकट आया, तब पहली बार अरविंद केजरीवाल अपने शीश महल से बाहर निकले। दिल्ली में जो सीवर लाइंस उनकी सफाई पिछले 8 साल से नहीं हुई है। गौरव भाटिया और सांसद साहिब सिंह वर्मा पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता कर रहे थे। इस दौरान भाटिया ने पिछले 9 साल में यमुना को साफ करने, ड्रेनेज प्लानिंग व यमुना में ज्यादा पानी छोड़ने पर पहले से कोई तैयारी न होने को लेकर सवाल किए। भाटिया ने कहा कि 2013 और 2019 में लगभग आठ लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया था, तब तो दिल्ली में बाढ़ नहीं आई? दिल्ली में बाढ़ इसलिए आई है क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्राथमिकता दिल्ली के लिए काम करना है ही नहीं, उन्हें तो केवल बहानेबाजी करनी है।

संयुक्त युवा मोर्चा ने आयोजित किया राष्ट्रीय अधिवेशन
संयुक्त युवा मोर्चा ने राष्ट्रीय अधिवेशन का कांस्टीट्यूशन क्लब के सभागार में शनिवार को आयोजन किया। इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों में रोजगार आंदोलन को नेतृत्व कर रहे युवा नेताओं ने हिस्सा लिया। मोर्चा के नेता अनुपम ने मांगों का एक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि देश का युवा रोजगार संकट का सामना कर रहा है। रोजगार के लिए सामूहिक रूप से लड़ना होगा। जनसमुदाय के बीच बदलाव की यह उम्मीद पैदा करने के लिए व्यापक एकता के साथ जन आंदोलन की जरूरत है। अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार रोजगार के प्रति गंभीर नहीं है। यह आंदोलन स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा आंदोलन होने वाला है। वहीं, बैंक एसोसिएशन के नेता सी एच वेंकटचलम ने मोर्चा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात कही।

देश में खतरनाक स्तर पर पहुंची आर्थिक विषमता
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष अपनी बात रखते हुए अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि देश में बेरोजगारी के साथ-साथ आर्थिक विषमता भी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। इसका एकमात्र समाधान है देशव्यापी आंदोलन। तभी सरकारों की नींद खुलेगी और युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। अधिवेशन में पूर्व सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद, अर्थशास्त्री प्रो. संतोष मेहरोत्र, पर्यावरणविद रवि चोपड़ा समेत कई लोगों ने भाग लिया।