भारत समेत दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रहा ओमिक्रॉन
वॉशिंगटन। कोरोना संक्रमण का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन भारत सहित दुनिया भर की आर्थिक वृद्धि को धीमा कर सकता है। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आर्थिक वृद्धि दर को लेकर पूर्व में जो अनुमान लगाया था, उसमें बदलाव करते हुए भारत और दुनिया की अनुमानित आर्थिक वृद्धि दर में कटौती की है। आईएमएफ ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को 0.5 प्रतिशत अंक घटाकर 9 प्रतिशत कर दिया। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि मामूली गिरावट मुख्य रूप से ओमिक्रॉन संस्करण के प्रसार के प्रभाव की वजह से है।
गीता गोपीनाथ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से कहा, "यदि आप 2021-22 वित्तीय वर्ष को देखते हैं, तो -0.5 प्रतिशत अंक की मामूली गिरावट है और अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 0.5 प्रतिशत अंक की मामूली बढ़त है।" वाशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान ने पिछले साल अक्टूबर में चालू वित्त वर्ष (2021-22) भारत के लिए 9.5 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान लगाया था। अब आईएमएफ ने इसे घटा दिया है। हालांकि, दुनिया की विकास दर के अनुमान को भी घटाया गया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रसार, उच्च ऊर्जा की कीमतों, मुद्रास्फीति में वृद्धि और चीन में वित्तीय तनाव का हवाला देते हुए इस वर्ष विश्व अर्थव्यवस्था के अपने पूर्वानुमान को कम कर दिया। एजेंसी ने अब अनुमान लगाया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2022 में 4.4फीसदी का विस्तार करेगी। यह पिछले साल के अनुमानित 5.9फीसदी से नीचे है। इतना ही नहीं, यह अक्टूबर से 2022 के लिए लगाए जा रहे 4.9फीसदी के विस्तार के पूर्वानुमान से भी कम है। आईएमएफ ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के लिए विकास पूर्वानुमान को घटाकर 4फिसदी कर दिया, जो अक्टूबर में अनुमानित 52फीसदी था। एजेंसी को अब राष्ट्रपति जो बिडेन के 'बिल्ड बैक बेटर सोशल पॉलिसी बिल' से किसी भी आर्थिक प्रोत्साहन की उम्मीद नहीं है। वहीं, चीनी अर्थव्यवस्था के इस साल 4.8फीसदी बढ़ने का अनुमान है, जो पिछले साल के 8.1 फीसदी से नीचे है और अक्टूबर में आईएमएफ द्वारा लगाई गई उम्मीद की तुलना में 0.8 प्रतिशत कम है।