अब मप्र में फसल नुकसान पर मिलेगा ज्यादा मुआवजा
भोपाल । कैबिनेट बैठक में बारिश-ओले से प्रभावित फसल के मुआवजे की रकम बढ़ाने का फैसला हुआ है। बिजली विभाग में आउटसोर्स लाइनमैन को सैलरी के अलावा हर महीने 1000 रुपए जोखिम भत्ता दिया जाएगा। ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के 1000 बिस्तर अस्पताल में 972 नए पद को भी मंजूरी दी गई है। इंदौर में देवी अहिल्या बाई होलकर के स्मारक के लिए की सरकार 1.215 हेक्टेयर जमीन देगी।
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, राजस्व विभाग के अंतर्गत आरबीसी 6/4 में संशोधन किया है। मध्यप्रदेश अब देश में सबसे ज्यादा फसल मुआवजा देने वाला राज्य बन गया है। 25 प्रतिशत से 33 प्रतिशत फसल को नुकसान पर वर्षा आधारित फसल के लिए 5500 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 9500 रु. प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाएगा। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम अवधि में फसल नष्ट होने पर) 9500 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल को नुकसान होने पर) 16000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मदद राशि दी जाएगी। सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 19000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। 33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत फसल को नुकसान पर वर्षा आधारित फसल के लिए 8500 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 16500 रु. प्रति हेक्टेयर। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम अवधि में फसल नष्ट होने पर) 19000 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल को नुकसान होने पर) 21000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 27000 रु. प्रति हेक्टेयर, सेरीकल्चर (ऐरी, शहतूत और टसर) के लिए 65000 रु. प्रति हेक्टेयर, मूंगा के लिए 8000 रु. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। 50 प्रतिशत से अधिक फसल को नुकसान पर वर्षा आधारित फसल के लिए 17000 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 32000 रु. प्रति हेक्टेयर। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम अवधि में फसल नष्ट होने पर) 32000 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल नष्ट होने पर) 32000 रुपए प्रति हेक्टेयर, सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 32000 रुपए प्रति हेक्टेयर, सेरीकल्चर (ऐरी, शहतूत और टसर) फसल के लिए 13000 रुपए प्रति हेक्टेयर और मूंगा के लिए 16000 रु. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।
प्रदेश में 45 नए रसोई केंद्र खोलने को स्वीकृति
कैबिनेट में प्रदेश में गरीबों को पांच रुपए में भर पेट भोजन उपलब्ध कराने नए 45 नए दीनदयाल रसोई केंद्र खोलने को स्वीकृति दी गई है। कैबिनेट में पूर्व में स्थापित 100 दीनदयाल रसोई केंद्रों के अतिरिक्त अलग-अलग नगरीय निकायों में 45 रसोई केंद्र खोलने की स्वीकृति दी गई। इसमें 25 रसोई केंद्र चलित होंगे। यह रसोई केंद्र भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और छिंदवाड़ा सहित अन्य शहरों में खोले जाएंगे। प्रत्येक केंद्र खोलने के लिए सरकार 25 लाख रुपए प्रति केंद्र देंगी।
सरकारी जमीन पर धारणाधिकार पट्टे देने को मंजूरी
नगरीय क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर रह रहे लोगों को धारणाधिकार पट्टे देने के लिए मुख्यमंत्री ने पहले घोषणा कर दी थी। इसे आज मंजूरी मिली। खासकर सिंधिया समाज के लोग, जो बाहर से आए, उन्हें पट्?टे दिए जाएंगे। पट्टे के लिए पात्रता अवधि (अधिभोग की तिथि में वृद्धि कर) 31 दिसंबर, 2014 से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 की गई है। 31 जुलाई, 2023 तक सक्षम प्राधिकारी को आवेदन करना होगा। जमीन के 30 साल के लिए स्थायी पट्टे जारी किए जाएंगे। इनके अलावा मध्यप्रदेश में 45 नए दीनदयाल रसोई केंद्र बढ़ेंगे। कलेवर नया होगा। 100 रसोई पहले से चल रही हैं। इसके अलावा कैबिनेट में सतना मेडिकल कॉलेज के पहले चरण के निर्माण के लिए 302 करोड़ की जगह 328.79 करोड़ रु. की स्वीकृति दी गई। पन्ना जिले की रुंझ मध्यम सिंचाई परियोजना को रिवाइज्ड स्वीकृति दी गई। इसकी लागत 513.72 करोड़ रुपए थी। रुंझ की सिंचाई का क्षेत्र 14450 हेक्टेयर है। इससे अजयगढ़ तहसील के 47 गांव में 14450 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। पन्ना जिले की मझगांय मध्यम सिंचाई परियोजना को भी रिवाइज्ड प्रशासकीय स्वीकृति मिली। इसकी लागत 693.64 लाख रु. है। मझगांय की सिंचाई का रकबा 13060 हे. है। इससे पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील के 38 गांव में 13060 हे. जमीन सिंचित होगी। सीएम राइज स्कूल योजना के अंतर्गत 70 सर्व सुविधा संपन्न विद्यालय के लिए अनुमानित लागत 2843 करोड़ रु. की स्वीकृति दी गई। राजस्व न्यायालयों के कंप्यूटराइजेशन प्रोजेक्ट के लिए 2028 तक 7348.65 करोड़ रुपए खर्च करने की स्वीकृति दी गई। इंदौर के नंदानगर में कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय संकाय शुरु किए जाएंगे। यहां 47 नए पद स्वीकृत किए गए। 22 शैक्षणिक पद हैं।