भोपाल ।   पिछले वित्तीय वर्ष में कुछ जोनल अधिकारियों ने बकायादारों के चेक जमा करवाकर अपने जोन में जोरदार वसूली दर्शाइ थी। इसके बाद अवार्ड भी लिया। लेकिन 10 करोड़ रुपये के चेक बाउंस होने के बाद ऐसे जोनल अधिकारी संदेह के घेरे में हैं। इनके ऊपर कार्रवाई की तलवार अटकी है। दरअसल नगर निगम के वित्त विभाग ने वर्ष 2021-22 में राजस्व वसूली से संबधित चेक बाउंस होने पर इसके राशि की वसूली को लेकर सख्ती दिखाई है। नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी कोलसानी ने चेक बाउंस के राशि वसूली की वसूली संबंधित जोनल अधिकारियों से करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि चेक बाउंस होने के बाद संबंधित जोनल प्रभारियों को इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करनी थी। बकायादारों के खिलाफ न्यायालय में प्रकरण लगाना था। इसके बावजूद जोनल अधिकारियों ने जिन बकायादारों के चेक बाउंस हुए, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अब नगर निगम आयुक्त के निर्देश पर वित्त विभाग के अपर आयुक्त गुणवंत सेवत्कर ने एक आदेश जारी कर वसूली के लिए नोटिस जारी किया है। सेवत्कर ने बताया कि अभी केवल वर्ष 2021-22 के चेक बाउंस की लिस्ट जारी की गई है। यदि बीते तीन से चार वर्षों के चेक बाउंस की जानकारी निकालते हैं, तो यह आंकड़ा 25 से 30 करोड़ रुपये हो सकता है। हालांकि इस मामले में कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि जोनल अधिकारी बकायादारों से मिलीभगत कर फर्जी वसूली कर रहे हैं, तो अब तक किसी अधिकारी का ध्यान क्यों नही गया। वहीं ऐसे लीपा-पोती करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया जाता रहा।

जोन 13 में सबसे अधिक 416 चेक बाउंस

सबसे अधिक 416 चेक बाउंस जोन क्रमांक 13 में हुए। यहां जोनल अधिकारी नीलेश श्रीवास्तव हैं। इस जोन म3 करोड़ 77 लाख से ज्यादा की राशि के चेक बाउंस हुए हैं। इन चेक की संख्या करीब 416 है, जो कि सभी 21 जोन में सबसे ज्यादा है। इस संबंध में जोनल अधिकारी नीलेश श्रीवास्तव को नोटिस जारी किया गया है। गौरतलब है कि नीलेश श्रीवास्त्व अकेले ऐसे जोनल अधिकारी हैं, जो बीते चार वर्षों से एक ही जोन में पदस्थ हैं। जबकि अन्य जोनल अधिकारी एक या दो वर्षों में बदल दिए जाते हैं। हालांकि इसका कारण इनका उच्च अधिकारियों से मेलजोल होना है। क्योंकि बीते तीन महीने पहले जोन पुर्नगठन के दौरान सभी जोन अधिकारियों को एक जोन से दूसरे जोन में भेजा गया था, लेकिन ऊंची पहुंच की वजह से इन्होंने 24 घंटे में ही आदेश निरस्त करवा दिया।

पिछले वित्तीय में दिखाई रिकार्ड वसूली

बीते वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक वसूली करने वाला जोन क्रमांक नौ था, जबकि जोन 13 दूसरे स्थान पर रहा था। जोन के पुर्नगठन के बाद वार्ड बदल गए हैं। लेकिन जोन 13 के वार्डों में परविर्तन नहीं हुआ। यहां पहले भी वार्ड 52, 53, 54 और 55 शामिल थे। तब इन जोनल अधिकारियों ने रिकार्ड वूसली दिखाई थी, लेकिन इसमें चेक द्वारा जमा की गई राशि भी शामिल थी। अब सर्वाधिक चेक बाउंस के राशि की वसूली भी जोन 13 से होनी है।

जोनवार चेक बाउंस के मामले

जोन क्रमांक - चेक की संख्या - चेक बांउस की राशि (रुपये में)

01                 - 94                  - 30,08,678
02                 - 264                - 46,75,322
03                 - 69                  - 5,63,281
07                 - 177                - 86,95,532
13                 - 416                - 3,77,00,498
18                 - 99                  - 39,51,525
19                  - 97                 - 88,43,257

इनका कहना

हमने चेक बाउंस की गड़बड़ी पकड़ने के बाद संबंधित जोनल अधिकारियों से उक्त राशि की वसूली करने का निर्देश दिया है। इससे चेक बाउंस के मामलों में रोक लगेगी। साथ नगर निगम अगले वित्तीय वर्ष से बिजली कंपनी की तरह चेक लेना बंद करेगा।

- केवीएस चौधरी कोलसानी, आयुक्त, भोपाल नगर निगम