नीदरलैंड में मिला एचआईवाई का अधिक संक्रामक और खतरनाक वैरिएंट
लंदन| वैज्ञानिकों को नीदरलैंड में एचआईवी का अधिक तेजी से प्रसारित होने वाला खतरनाक वैरिएंट मिला है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की अगुवाई में शोधकर्ताओं की टीम ने वीबी के नाम वाले इस नये वैरिएंट को 109 लोगों में चिह्न्ति किया है। इस शोध का परिणाम विज्ञान पत्रिका जर्नल साइंस में प्रकाशित हुआ है।
वीबी वैरिएंट का वायरल लोड(संक्रमित व्यक्ति के खून में वायरस की मात्रा) साढ़े तीन से साढ़े पांच गुणा अधिक पाया गया। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति की रोगप्रतिरोधक क्षमता प्रणाली भी दोगुनी प्रभावित होती है, जिससे उनके शरीर पर इस बीमारी का असर अधिक तेजी से होता है। इस वैरिएंट से संक्रमित होने वाले मरीज अधिक तेजी से संक्रमण फैला सकते हैं।
शोध रिपोर्ट में हालांकि यह भी कहा गया है कि तसल्ली की बात यह है कि वीबी वैरिएंट से संक्रमित मरीज पर उपचार को वही प्रभाव देखा गया, जो एचआईवी के अन्य वैरिएंट से संक्रमित होता है।
शोधकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि चूंकि इस वैरिएंट का रोगप्रतिरोधक क्षमता पर तेजी से प्रभाव होता है इसी कारण इसके संक्रमण का पता शुरूआती चरण में ही होना चाहिए ताकि उनका उपचार तत्काल शुरू किया जा सके।
एचआईवी के वीबी वैरिएंट की पहचान सबसे पहले बीहाइव परियोजना में शामिल 17 एचआईपी पॉजिटिव व्यक्तियों में की गयी थी। इस अध्ययन परियोजना के लिए यूरोप और यूगांडा में नमूने एकत्रित किये जाते हैं। इन 17 एचआईपी पॉजिटिव व्यक्तियों में से 15 मरीज नीदरलैंड से आये थे, जिसे देखकर नीदरलैंड के 6,700 से अधिक एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के डाटा का विश्लेषण किया गया। इसमें 92 और मरीज वीबी वैरिएंट से संक्रमित पाये गये।
विश्लेषण के बाद शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला है कि वीबी वैरिएंट संक्रमण 1980 से 1990 के बीच नीदरलैंड में शुरु हुआ और 2000 के दौरान यह अन्य एचआईवी वैरिएंट की अपेक्षा तेजी से फैला लेकिन 2010 के बाद इसकी संक्रमण गति धीमी पड़ गयी है।