कानाडा के एक विश्वविद्यालय परिसर में उपद्रवियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ी
टोरंटो । कनाडा में खालिस्तान समर्थकों द्वारा मंदिर एवं महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़े जाने की घटनाएं अक्सर हो रही हैं। गत दिवस कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में एक विश्वविद्यालय परिसर में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षति पहुंचाए जाने की खबर है। यह घटना इस देश में गांधी की एक प्रतिमा को खालिस्तान समर्थकों द्वारा निशाना बनाये जाने के कुछ दिनों बाद हुई है। बैंकूवर स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास ने मंगलवार को कहा कि ताजा घटना में साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय में बर्नाबी परिसर के पीस स्क्वायर पर लगाई गई मूर्ति को क्षति पहुंचाई गई है।
वाणिज्य दूतावास ने एक ट्वीट में कहा कि हम शांति के अग्रदूत महात्मा गांधी जी की मूर्ति को क्षति पहुंचाने के जघन्य अपराध की कड़ी निंदा करते हैं। बयान में कहा गया है कि कनाडाई अधिकारियों से मामले की तत्काल जांच करने और अपराधियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाने का अनुरोध किया जाता है। यह घटना खालिस्तान समर्थकों द्वारा 23 मार्च को कनाडा के ओंटारियो प्रांत के हैमिल्टन शहर में सिटी हॉल के पास महात्मा गांधी की एक प्रतिमा को विरूपित और स्प्रे-पेंट करने के बाद हुई है।
कनाडा के रिचमंड हिल स्थित एक विष्णु मंदिर के बाहर लगाई गई महात्मा गांधी की प्रतिमा को पिछले साल जुलाई में क्षति पहुंचाई गई थी, जिसकी टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कड़ी निंदा की थी। कनाडा में हाल में खालिस्तान समर्थकों की भारत विरोधी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, जिन्होंने कुछ हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की है। मिसिसॉगा स्थित एक राममंदिर को खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा 13 फरवरी को भारत विरोधी भित्तिचित्रों के साथ विरूपित किया गया था। इस पर टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई थी।
ओंटारियो के हैमिल्टन में 23 मार्च को महात्मा गांधी की प्रतिमा को खराब कर दिया गया था। इस प्रतिमा पर खालिस्तान के समर्थन वाले स्लोगन और भारत विरोधी बातें लिखी थीं। हैमिल्टन में हुई इस घटना को पुलिस ने हेट क्राइम करार दिया था। कनाडा में भारतीय प्रतिष्ठान और मंदिरों पर खालिस्तान समर्थकों की तरफ से हमले बढ़ते जा रहे हैं। उत्तर अमेरिका का देश कनाडा वह जगह है, जहां पर भारतीयों की आबादी अच्छी-खासी है।