दुनियाभर के देशों ने 2022 में अपनी सेनाओं पर 2240 अरब डॉलर खर्च किए। सैन्य खर्च का यह सर्वकालिक उच्च स्तर है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल वैश्विक जीडीपी के मुकाबले रक्षा खर्च 3.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। जबकि, यूरोप के रक्षा खर्च में 13 फीसदी की भारी बढ़ोतरी की है, जो बीते 30 वर्ष में सबसे ज्यादा है।दुनिया के बढ़े हुए सैन्य खर्च के पीछे रिपोर्ट में रूस-यूक्रेन युद्ध को जिम्मेदार ठहराया गया है। इसकी वजह से यूक्रेन का सैन्य खर्च छह गुना बढ़कर 44 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो इसकी जीडीपी का 34 फीसदी के बराबर है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका अब भी दुनिया में रक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाला देश है।

अमेरिका ने 2022 में 877 अरब डॉलर रक्षा पर खर्च किए। यह वैश्विक खर्च के 39 फीसदी के बराबर है। चीन दूसरा सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वाला देश है।रिपोर्ट के मुताबिक, भारत रक्षा पर खर्च करने के मामले में चौथे स्थान पर है। भारत ने साल 2022 में सशस्त्र बलों के लिए उपकरणों के आधुनिकीकरण और चीन के साथ लगती सीमा पर सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर कुल रक्षा बजट का 23% खर्च किया। पिछले साल भारत ने बजट में सैन्य खर्च के लिए 5.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जबकि 2021-22 में 4.78 लाख करोड़ रुपये और इससे एक साल पहले 4.71 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे। सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में सैन्य खर्च के मामले में सऊदी अरब पांचवें स्थान पर था। वहीं, शीर्ष पांच देशों ने दुनिया के सैन्य खर्च का 63% हिस्सा साझा किया।