मप्र की अर्थव्यवस्था को शराब से मिला संबल
भोपाल । कोरोना के कारण बदहाल हुई मप्र की अर्थव्यवस्था को शराब से संबल मिला है। प्रदेश में शराब दुकान समूहों की नीलामी शुरू हुई। अभी तक इंदौर, जबलपुर, सागर, कटनी, रीवा, बालाघाट, कटनी और सागर जिले की 102 समूहों की नीलामी हुई। शुरुआती नीलामी में पिछले वर्ष की तुलना में ये दुकान समूह 36 प्रतिशत ज्यादा दरों पर गए हैं। हालांकि अभी भी इन जिलों में करीब 50 से अधिक समूह नीलाम नहीं हो पाए हैं। इसके लिए दोबारा नीलामी 15 फरवरी को की जाएगी। इंदौर जिले के शराब ठेकों के पहले चरण में धनवर्षा हो गई। यहां शराब दुकान लेने में बिहार, दिल्ली, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के ग्रुपों ने भी रुचि दिखाई। पहले चरण में 26 ग्रुपों की शराब दुकानों के ठेके तय हुए, जिसमें आबकारी विभाग को 80 करोड़ की अतिरिक्त आय हुई है। शराब दुकान के ठेकों की आय में इंदौर प्रदेश में सबसे ऊपर है। यहां 664 ग्रुपों में करीब 175 शराब दुकानों की नीलामी के लिए बेस प्राइस 1350 करोड़ तय है, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है। दूसरे नंबर पर 1050 करोड़ के साथ भोपाल है।
6 जिलों की ज्यादातर दुकानों की नीलामी
6 जिलों की शराब दुकान समूहों की ज्यादातर दुकानों की नीलामी हुई हैं। पिछले वर्ष की तुलना में 35 फीसदी से अधिक दरों पर दुकानें नीलाम हुई हैं। प्रदेश में करीब 1000 हजार शराब दुकान समूह हैं। नीलामी की प्रक्रिया इस माह तक पूरी कर ली जाएगी सरकार ने नई शराब नीति में शराब की दुकानों पर 10 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का निर्णय लिया था, पहली नीलामी में 36 प्रतिशत ज्यादा में नीलामी हुई है। अब यही दर रहने का अनुमान है। शराब ठेके की कई दुकानों को बड़ी कीमत मिली। इंदौर में निपानिया की शराब दुकान की बेस प्राइस करीब 32 करोड थी. जो 44 करोड़ में गई। कनाडिया बायपास चौराहे की दुकान की बेस प्राइस 24 करोड़ 82 लाख थी, जो 32 करोड़ 40 लाख में गई। यही हाल अन्य दुकानों का भी रहा।