इंदौर ।  शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अंतगर्त इन दिनों स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, लेकिन कई विद्यार्थियों के आवेदनों में अलग-अलग तरह की ऋटियां यानी गलतियां है। शिकायत मिलने के बाद राज्य शिक्षा केंद्र ने जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय को जिम्मेदारी सौंपी और इन्हें आवेदन की गलतियां ठीक करने के निर्देश दिए है। इसके लिए सरकारी स्कूलों को आवेदकों से फार्म प्राप्त करना है, जिसमें विद्यार्थियों को अपने आवेदन के साथ ही स्कूल के पत्र पर संचालक के हस्ताक्षर करवाना होंगे। उसके बाद आवेदन को जिला परियोजना समन्वयक के सामने प्रस्तुत करना है। शुक्रवार शाम पांच बजे तक का समय है। आदेश के मुताबिक सत्र 2023-24 के लिए `आरटीई` के अंतर्गत विद्यार्थियों को निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश देना है। मगर इन दिनों आवेदन में कई गलतियां सामने आ रही है, जिसमें ग्राम और वार्ड को लेकर गड़बड़ियां अधिक है। उसके आधार पर स्कूल प्रवेश देने से आनाकानी कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि जो वार्ड-ग्राम दर्शाया जा रहा है। उसके भीतर अपना स्कूल नहीं आता है। एेसी समस्या सैकड़ों आवेदन में गलतियां देखी गई है। राज्य शिक्षा केंद्र ने जिला परियोजना समन्वयक को कहा गया है कि यदि किसी आवेदन में त्रुटिवश ऐसा गलत दर्ज है, तो उन अशासकीय स्कूलों को निर्देशित किया जाए कि अनिवार्य रूप से आवेदन प्रस्तुत करें।

प्रक्रिया करना है पूरी

मार्च में आरटीई के तहत विद्यार्थियों ने आवेदन मांगे। अकेले इंदौर जिले की 1400 स्कूलों में 13 हजार सीटें है। बदले में 8700 आवेदन प्राप्त हुए। सत्यापन के बाद 7 हजार आवेदनों को लाटरी में शामिल किया है। उसके आधार पर साढ़े चार हजार विद्यार्थियों को पहले चरण में सीटें आवंटित हुई है। इन्हें दस अप्रैल तक स्कूलों में दस्तावेज जमा करना है। फिर स्कूलों में प्रवेश मान्य किया जाएगा।