दूहरादून । उत्तराखंड में इन दिनों मौसम का कहर जारी हैं। मौसम विभाग ने राजधानी देहरादून सहित छह जिलों में 14 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भारी भूस्खलन हुआ है। यहां भूस्खलन के मलबे में दबने से गुजरात के तीन तीर्थयात्रियों सहित पांच लोगों की मौत हो गई है। बता दें कि मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में उत्तराखंड के छह जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी थी। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फाटा क्षेत्र के तरसाली में भूस्खलन के कारण कार में सवार पांच लोग मलबे में दब गए, लेकिन बारिश के कारण शुक्रवार को उनके शव बरामद किए गए। मृतकों में गुजरात के तीन और हरिद्वार का एक श्रद्धालु शामिल है। पुलिस ने कहा कि पांचवें पीड़ित की पहचान करने के प्रयास जारी है। 
देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने 14 अगस्त तक के लिए टिहरी, देहरादून, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। बता दें कि केंद्र ने प्रशासन को चेतावनी जारी करते हुए पर्याप्त सावधानी बरतने को कहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बारिश प्रभावित कोटद्वार क्षेत्र का निरीक्षण किया, जहां कुछ दिन पहले भूस्खलन में एक व्यक्ति लापता हो गया था और कई पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिससे एक बड़ी आबादी राज्य के बाकी हिस्सों से कट गई थी। धामी के स्थलीय निरीक्षण के दौरान विधानसभा अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक रितु खंडूरी भी उनके साथ मौजूद रहीं। धामी ने पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान को गादीघाटी में क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोटद्वार और भाबर को जोड़ने वाले मालन नदी पर बने वैकल्पिक पुल का भी निरीक्षण किया। 
धामी ने कहा कि सरकार का पहला प्रयास राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करना है, जो मानसून से बाधित हो गई है। इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से हुए नुकसान का आकलन होगा और व्यवस्थाओं में कमियों को दूर किया जाएगा। धामी ने कहा, मौसम विभाग की ओर से राज्य के कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। सभी निवासियों और पर्यटकों से अनुरोध है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें। धामी ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन और एसडीआरएफ को 24 घंटे अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं और वह संबंधित अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर हर स्थिति पर नजर भी रख रहे हैं। राज्य में लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस वर्ष अत्यधिक बारिश के कारण भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से राज्य में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मानसून के दौरान विभिन्न घटनाओं में अब तक 58 लोगों की जान जा चुकी है, और 37 लोग घायल हुए हैं, जबकि 19 अन्य लापता हैं।