बैंगलुरु । कर्नाटक में बीते 10 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ। इसके बाद मीडिया और सर्वे एजेंसियों द्वारा एग्जिट पोल जारी किया गया, जिसमें किसी को भी पूर्ण बहुमत मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा है। हालांकि, सर्वे में जो सबसे अहम दावा किया जा रहा है वो यह है कि जेडीएस किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है। हालांकि, अभी चुनावी नतीजे आने में आज भर का समय है। 13 मई को सरकार बनने की तस्वीर साफ हो जाएगी, लेकिन उससे पहले ही जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) ने दावा किया है कि उनसे गठबंधन करने के लिए भाजपा और कांग्रेस कोशिश में जुट गई है।
कई चुनावी विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की है कि कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा में कांग्रेस को बढ़त मिल सकती है, जद (एस) लगभग 30 सीटें जीतकर किंगमेकर के रूप में उभर रहा है। जद (एस) के सूत्रों ने संभावना की उम्मीद करते हुए कहा कि पार्टी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अब न केवल किंगमेकर बनने जा रहे हैं, बल्कि ‘किंग’ बनने के लिए भी तैयार हैं। जद (एस) के राष्ट्रीय प्रवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि दोनों राष्ट्रीय पार्टियां कांग्रेस और भाजपा चुनाव के बाद गठबंधन बनाने के लिए उनकी पार्टी तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्रीय दल निश्चित रूप से हम तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम उचित समय पर फैसला लेंगे। अभी मैं आपको बता सकता हूं कि हम कर्नाटक की बेहतरी के लिए फैसला लेंगे।
सूत्रों के अनुसार पार्टी कार्यकर्ताओं से जमीनी स्तर पर रिपोर्ट मिलने के बाद कुमारस्वामी सिंगापुर के लिए उड़ान भर गए और वहां से राष्ट्रीय दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने आगे दावा किया कि जद (एस) ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की इच्छा के अनुसार कांग्रेस के साथ जाने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देवेगौड़ा और उनके बेटे कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बनेंगे। विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, जो गौड़ा परिवार के कट्टर विरोधी हैं, उनको गठबंधन का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि जद (एस) के नेताओं द्वारा कांग्रेस से उन्हें दूर रखने के लिए कहने की पूरी संभावना है।
कई एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि कर्नाटक में कांग्रेस को बढ़त मिलेगी, जो कि भाजपा का दक्षिणी गढ़ है, त्रिशंकु विधानसभा में उनमें से कुछ ने यह भी अनुमान लगाया है कि कांग्रेस पार्टी को अपने दम पर बहुमत मिल सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी के रथ पर सवार बीजेपी जहां 38 साल पुराने चुनावी झंझट को तोड़ने की कोशिश कर रही है, जहां राज्य ने 1985 के बाद से सत्ता में आने वाली पार्टी को कभी वोट नहीं दिया। वहीं कांग्रेस मनोबल बढ़ाने वाली जीत की उम्मीद कर रही है।