चंडीगढ़ । हरियाणा में चल रही भाजपा-जजपा सरकार का गठबंधन टूटने को लेकर चर्चाएं जोरों पर है। फरीदाबाद में भाजपा प्रदेश प्रभारी विप्लव देव के बयान के बाद दोनों दलों में खटास बढ़ गई है। उल्लेखनीय है कि विप्लव देव ने फरीदाबाद में कहा था कि जननायक जनता पार्टी ने भाजपा को समर्थन देकर कोई एहसान नहीं किया है। उसके बदले में उनकी पार्टी के तीन मंत्री सरकार में हैं, इसके बाद से लगातार जजपा के नेताओं के भी तीखे बयान आने लगे हैं।  यह कहानी उचाना हल्के से शुरू हुई थी।
बीजेपी के एक सम्मेलन में बीजेपी प्रदेश प्रभारी विप्लव देव ने कहा कि उचाना सीट से 2024 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर प्रेमलता चुनाव लड़ेंगी और जीतेंगी भी, जबकि अभी सरकार में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला उचाना सीट से विधायक हैं। इसी के बाद दोनों दलों के अंदर खाई बढ़ती हुई नजर आई। जेजेपी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने जहां बीजेपी प्रभारी के बयान की निंदा की तो वही केंद्रीय नेता संजीव बालियान ने भी कुछ इसी तरह की बात कहकर जजपा की टेंशन बढ़ा दी है।
जैसे ही जजपा और भाजपा के नेताओं के बीच वाक युद्ध शुरू हुआ है। वैसे ही निर्दलीय विधायक भी मौके का फायदा उठाते हुए मैदान में उतर आए हैं। बीते गुरुवार को चार निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान, धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन और राकेश दौलताबाद ने बीजेपी प्रदेश प्रभारी विप्लव देव से मुलाकात की और भाजपा में अपना पूरा भरोसा जताया है।
शुक्रवार को हलोपा के विधायक गोपाल कांडा ने भी बीजेपी प्रभारी विप्लव देव से मुलाकात की और कहा कि बीजेपी की सरकार जननायक जनता पार्टी के बिना भी चल सकती है और हम मजबूती से बीजेपी के साथ खड़े हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि शनिवार को दो बचे निर्दलीय विधायक नैनपाल रावत और सरकार में मंत्री चौधरी रणजीत सिंह को भी भाजपा प्रभारी ने मिलने के लिए बुलाया है। ऐसे में देखना होगा की प्रभारी के बयान से शुरू हुई गठबंधन की रार अब क्या रूप लेती है और लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जब कम ही समय बचा है तब गठबंधन का हश्र क्या होता है?