इंदौर के एसीपी मनीष कपूरिया आयोग में उपस्थित हुये
शो-काॅज नोटिस का जवाब व प्रतिवेदन दिया
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा एक मामले में इंदौर के तत्कालीन उप पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी), वर्तमान में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी), कानून व्यवस्था श्री मनीष कपूरिया को 15 जनवरी 2022 को आयोग में व्यक्तिशः आकर अपना स्पष्टीकरण देने के लिये कहा गया था। आयोग द्वारा श्री कपूरिया को कारण बताओ नोटिस एवं पांच हजार रूपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। आयोग के प्रकरण क्र 0130/इंदौऱ/2021, प्रकरण क्र 0437/इंदौऱ/2021 तथा प्रकरण क्र 2369/इंदौऱ/2021 में कई स्मरण पत्र एवं नामजद स्मरण पत्र देने के बावजूद प्रतिवेदन न देने के कारण तत्कालीन डीआईजी वर्तमान में एसीपी इंदौर श्री कपूरिया को आयोग में उपस्थित होने को कहा गया था। आयोग के आदेश पर तत्कालीन डीआईजी वर्तमान में एसीपी श्री कपूरिया छह जनवरी 2022 को आयोग के समक्ष उपस्थित हुये और शो-काॅज नोटिस का जवाब एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
उल्लेखनीय है कि प्रकरण क्र 0130/इंदौऱ/2021 में विजयनगर, इंदौर निवासी आवेदक श्री मानसिंह पिता बाबूसिंह रघुवंशी ने उनके बेटे एवं बहू द्वारा अकारण विवाद करने, गाली-गलौज व मारपीट करने, उनके मकान पर कब्जा कर लेने का प्रयास करने तथा उन्हें झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी देने की शिकायत कर आयोग से उन्हें व उनकी पत्नी को सुरक्षा दिलाने का अनुरोध किया था। प्रकरण क्र 0437/इंदौऱ/2021 में गोमा की फेल, मालवा मिल, इंदौर निवासी आवेदक श्री हिमांशु पिता श्री रितेश खंडेलवाल ने किसी स्त्री द्वारा उन्हें दी जा रही प्रताड़ना और उन्हे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर पैसा ऐंठने तथा उन्हें शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक प्रताड़ना दिये जाने की शिकायत कर आयोग से संबंधित स्त्री के विरूद्ध कडी कार्यवाही करने का अनुरोध किया था। इसी प्रकार प्रकरण क्र 2369/इंदौर/2021 में शीतलामाता बाजार, इंदौर निवासी आवेदिका श्रीमती वैशाली पत्नी आशीष टोंग्या ने मंगलम् इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड इंदौर के स्वामी पंकज जैन द्वारा उनसे प्लाॅट बुकिंग की राशि ले लेने के उपरांत भी उन्हें भूखण्ड ना देकर धोखाधड़ी करने की शिकायत कर आयोग से उन्हें न्याय दिलाने का अनुरोध किया था।
इन तीनों ही प्रकरणों में आयोग ने तत्कालीन डीआईजी वर्तमान में एसीपी, इंदौर को प्रतिवेदन देने को कहा था। प्रतिवेदन न मिलने पर आयोग ने इन्हें कई स्मरण पत्र भी भेजे, परंतु ना तो प्रतिवेदन मिला और ना ही एसीपी, इंदौर ने कोई जवाब प्रस्तुत किया। इसीलिये आयोग ने इन तीनों मामलों में आयोग ने तत्कालीन डीआईजी वर्तमान में एसीपी, इंदौर श्री मनीष कपूरिया को 15 जनवरी 2022 को आयोग के समक्ष व्यक्तिशः उपस्थित होकर जवाब देने को कहा गया था।
तत्कालीन डीआईजी वर्तमान में एसीपी श्री कपूरिया गुरुवार, छह जनवरी 2022 को आयोग में उपस्थित हुये और आयोग में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया कि तीनों ही प्रकरणों की सुनवाई 15 जनवरी 2022 के स्थान पर 06 जनवरी 2022 को ही कर ली जाये। आयोग ने उनका निवेदन स्वीकार कर लिया।
प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार प्रकरण क्र 0130/इंदौऱ/2021 में आयोग ने पाया कि अनावेदक बेटा व बहू परिवार से अलग रहने चले गये हैं और थाना प्रभारी को लिखकर आवेदन दिया है कि अब वह इस प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं चाहता है। अतः आयोग द्वारा अब इस प्रकरण की जांच इसी स्तर पर समाप्त कर प्रकरण भी नस्तीबद्व कर दिया गया है।
प्रकरण क्र 0437/इंदौऱ/2021 में आयोग ने पाया कि आवेदक द्वारा अनावेदिका की प्रताड़ना के विरूद्ध आयेाग में आवेदन प्रस्तुत किया था और पुलिस प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि दोनों ने विवाह कर लिया था। आवेदक का पता भी नहीं चल रहा है और न हीं अपनी शिकायत के बारे में उसने आयोग से कोई संपर्क किया है। ऐसी स्थिति में अब इस प्रकरण की जांच अनावश्यक है। अतः जांच इसी स्तर पर समाप्त कर प्रकरण भी नस्तीबद्व कर दिया गया है। प्रकरण क्र 2369/इंदौर/2021 में आयोग ने पाया कि आवेदिका एवं अनावेदक के बीच आपसी राजीनामा होने एवं संपूर्ण राशि प्राप्त होने पर आवेदिका अब कोई कार्यवाही नहीं चाहती है। एसीपी श्री कपूरिया ने आयोग को बताया कि दोनों पार्टिंयों के बीच राजीनामा हो चुका है। ऐसी स्थिति में अब इस प्रकरण की जांच इसी स्तर पर समाप्त कर प्रकरण भी नस्तीबद्व कर दिया गया है।