नई दिल्ली । केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारत के आर्थिक विकास में जैव विविधता संरक्षण को मुख्यधारा में लाने पर जोर दिया, जिससे पारिस्थितिक की बेहतरी एवं स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। विश्व हाथी दिवस के अवसर पर भुवनेश्वर में आज एक जनसभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि भारत में जंगली एशियाई हाथियों की सबसे बड़ी आबादी है और यह प्रजातियों के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए मुख्य स्थान है। उन्होंने बल देकर कहा कि हाथी संरक्षण को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए स्थानीय समुदायों के साथ सक्रिय भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। श्री यादव ने कहा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जनकल्याण और हाथी संरक्षण के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, रेल मंत्रालय, राज्य वन विभागों और भारतीय वन्यजीव संस्थान जैसे राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा रेलगाड़ी से हाथियों को टक्कर लगने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे का समाधान करने के लिए किए गए ठोस प्रयासों पर प्रकाश डाला। इन प्रयासों में से एक, देश में रेलवे नेटवर्क के लगभग 110 महत्वपूर्ण खंडों की पहचान करना है जो हाथियों के आवासों से होकर गुजरते हैं। यादव ने कहा कि इन महत्वपूर्ण खंडों में रेलगाड़ी से हाथियों के टक्कर को कम करने के लिए बहुआयामी रणनीतिक योजनाएं बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर अंडरपास बनाने, लोको पायलटों को टकराव से बचाने के लिए और बेहतर दृश्यता प्रदान करने हेतु पटरियों के किनारे लगे पेड-पौधों को साफ करना, रैंप की व्यवस्था तथा अन्य उपाय भी किए जाएंगे। मंत्री महोदय ने उल्लेख किया कि रेल मंत्रालय द्वारा ओडिशा सहित देश के अन्य राज्यों में पटरियों के साथ प्रौद्योगिकी आधारित उपायों का पता लगाने वाली प्रणाली को अपनाने पर विचार किया जा रहा है। यादव ने हाथियों की अवैध तस्करी को रोकने के लिए देश में सभी कैद हाथियों के जीनोटाइप का पता लगाने के लिए मंत्रालय द्वारा शुरू की गई नई पहल पर प्रकाश डाला।