राजधानी रायपुर में चाकूबाजी की घटनाएं अब आम बात होती जा रही हैं। आए दिन हो रही चाकूबाजी से शहर के लोग परेशान हैं। पुलिस इन घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। राजधानी चाकूबाजी का एक और मामला सामने आया है। इस बार बदमाशों ने जय स्तंभ चौक स्थित मल्टीलेवल पार्किंग के पास चाकूबाजी की वारदात को अंजाम दिया है। चाकूबाजी में घायल युवक सड़क पर काफी देर तक तड़पता रहा। बाद में उसे अस्‍पताल में भर्ती किया गया। इस मामले में पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर हमलावर की तलाश कर रही है।

जानकारी के अनुसार टिकरापारा के संतोषीनगर निवासी प्रशांत महानंद गुरुवार की रात अपने कुछ साथियों के साथ शास्त्री बाजार की ओर जाने वाली सड़क से गुजर रहा था, तभी आसपास के ही कुछ बदमाशों से उसकी बहस हो गई। बहस इतना बढ़ा कि एक आरोपित ने अपनी कमर में फंसाकर रखा चाकू निकालकर प्रशांत की पीठ पर ताबड़तोड़ पांच वार कर दिया। इस दौरान बदमाश ने गर्दन पर भी वार करने की कोशिश की। घटना के दौरान वहां से गुजर रहे लोग, आस-पास मौजूद दुकानदार सब कुछ देखते रहे। सभी के मन में यह डर था कि अगर वह रोकने गए तो उन्हें भी बदमाश चाकू न मार दे।

चाकू के वार सहने के बाद घायल प्रशांत यह कहकर चीखने लगा कि मार दिया रे.. मेरा खून निकल रहा है और वह सड़क पर गिर पड़ा। इस बीच चाकू मारने वाला बदमाश वहां से फरार हो गया। कुछ देर बाद हिम्मत जुटाकर आसपास के लोगों ने घायल प्रशांत को उठाया और पुलिस को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रशांत को आंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि चाकू मारने वाले शास्त्री बाजार, बांसटाल इलाके के पुराने बदमाश है। हमलावर की तलाश की जा रही है।

रायपुर पुलिस ने कुछ दिन पहले जून तक के अपराध का आकंड़ा पेशकर दावा किया था कि अपराध घटे है।पुलिस के मुताबिक वर्ष 2022 जनवरी से जून महीने तक असामाजिक तत्वों,चाकूबाज़ों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत 398 प्रकरणों में 407 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके अलावा बदमाश,अड्डेबाजों पर कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधात्मक धारा 151 के तहत 2763 लोगों को जेल भेजा गया था। 2023 में असामाजिक तत्वों,चाकूबाजों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत 426 प्रकरणों में 430 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। बदमाश, अड्डेबाज़ों के मामले में प्रतिबंधात्मक धारा 151 के तहत कुल 3491 आरोपियों को जेल भेजा गया है।