सरकार को भ्रम में डालने के लिए इमरान ने फिर बदली रणनीति
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अपने ‘हकीकी (असली) आजादी मार्च’ यानी लॉन्ग मार्च को दो हिस्सों में बांटने के बाद फिर से शुरू कर दिया है।पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के मुखिया इमरान खान पैर में गोली लगने के बाद फिलहाल पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं,लेकिन उनका सरकार के खिलाफ तेवर और आक्रामक रूप से सामने आ रहा है।मार्च दोबारा शुरू करने से पहले उन्होंने ट्वीट करके समर्थकों से कहा है कि वह अब रास्ते में आने वाली सारी रुकावटों को हटा दें और सरकार को बता दें कि हम उनके हमलों के आगे झुकने या डरने वालों में नहीं हैं।
समझा जाता है कि मार्च को दो हिस्सों में करने का फैसला लेने के पीछे पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान का मकसद लॉन्ग मार्च को लेकर सरकार को भ्रम में डाले रखना है।पिछले हफ्ते वजीराबाद में इमरान खान पर हुए हमले के बाद इस मार्च को रोक दिया गया था।उसके बाद इसे मंगलवार से दोबारा शुरू करने की घोषणा की गई थी,लेकिन बाद में इसे दो दिन के लिए टाल दिया गया था। पीटीआई ने कहा कि अब मार्च दो हिस्सों में आगे बढ़ेगा।
पीटीआई के एलान के मुताबिक वजीराबाद से आगे बढ़ने वाले मार्च के एक हिस्से का नेतृत्व पार्टी उपाध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कर रहे हैं।मार्च के दूसरे हिस्से की शुरुआत शुक्रवार को टोबा टेक सिंह से हो गई है।यह मार्च झांग होते हुए पहले फैसलाबाद जाएगा। उसके आगे यह चकवाल पहुंचेगा,जहां दोनों दिशाओं से आ रहे मार्च मिल जाएंगे।फिर ये कारवां रावलपिंडी जाएगा।
पीटीआई नेता फव्वाद चौधरी ने बताया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अब सीधे रावलपिंडी पहुंचेंगे और वहां से मार्च का नेतृत्व संभालेंगे। लेकिन पार्टी ने यह नहीं बताया है कि मार्च रावलपिंडी कब पहुंचेगा और वहां से इस्लामाबाद के लिए कब कूच करेगा। इसके पहले पार्टी ने कहा था कि वह मार्च के असली कार्यक्रम के बारे में सरकार को अंधेरे में रखेगी। इसके लिए मार्च के रूट और समय के बारे में बार-बार बदलाव किया जाएगा।
इस बीच सेना और सरकार पर दबाव बनाए रखने की रणनीति के तहत इमरान खान ने दावा किया है कि उन पर हुए हमले की साजिश में सेना का एक और अधिकारी शामिल था। इसके पहले वे इल्जाम लगा चुके हैं कि सेना के काउंटर इंटेलिजेंस विभाग के प्रमुख मेजर जनरल फैसल नसीर इस साजिश में शामिल थे। इमरान खान ने हमले के एक दिन बाद ही वजीराबाद में हुई फायरिंग के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और गृह मंत्री राना सनाउल्लाह के अलावा मे.ज. नसीर को भी दोषी ठहराया था।अब उन्होंने कहा है कि सेना का दूसरा अफसर खुद कंट्रोल रूम से हमले को निर्देशित कर रहा था,जिसका नाम वे जल्द ही बताएंगे। इस हमले में इमरान खान के पांव में कम से कम तीन गोलियां लगी थीं, जिससे उनके दाएं पांव की हट्टी टूट गई है।
शरीफ सरकार और सेना ने इमरान खान के आरोपों का लगातार खंडन किया है। इसके बावजूद इमरान लगातार अपने आरोप को दोहरा रहे हैं। बुधवार को टर्की के टीवी चैनल टीआरटी को दिए इंटरव्यू में इमरान खान ने संकेतों में कहा कि मौजूदा राजनीतिक विवाद में सेना निष्पक्ष भूमिका नहीं निभा रही है। उन्होंने क्रिकेट में न्यूट्रल अंपायरों का जिक्र करते संकेतों में हुए कहा कि सेना को वैसी ही भूमिका निभानी चाहिए।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि इमरान खान सेना के अफसरों पर लगातार निशाना साध ‘एस्टेब्लिशमेंट’ को बचाव की मुद्रा में बने रहने के लिए मजबूर करना चाहते हैं। पाकिस्तान में सेना और खुफिया तंत्र को एस्टेब्लिशमेंट के नाम से जाना जाता है। अकसर माना जाता है कि देश की असल सत्ता उनके ही हाथ में है। बीते अप्रैल में देश में सरकार बदलने की घटना के पीछे भी एस्टेब्लिशमेंट का हाथ माना गया था। तब से इमरान खान उसे खुली चुनौती देने की रणनीति पर चल रहे हैं।