गणेश कुमार

मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ा कद रखने वाले कांतिलाल भूरिया को प्रदेश कांग्रेस की ओर से चुनाव समिति की कमान सौंपी गई है। 32 लोगों की टीम बनाई गई है। पांच बार के सांसद रहे कांतिलाल भूरिया को कांग्रेस की ओर से सर्वमान्य नेता के बजाय एक आदिवासी नेता के तौर पर ही पहचान दी गई। ऐसे में सवाल बरबस ही उठता है कि आखिर कई गुटों में बंटी मध्य प्रदेश कांग्रेस की सियासी गाड़ी को वहां तक संभाल कर ले जाएंगे ?

मिशन 2023 की तैयारी में जुटी कांग्रेस में गुटबाजी बढ़ रही है। ग्वालियर चंबल में गुटबाजी इस कदर बढ़ गई कि कांग्रेसी एक दूसरे के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा रहे हैं तो वही बीच सड़कों पर मारपीट भी करने लगे हैं। जोरा विधानसभा से टिकट की दावेदारी कर रहे संजय सिंह यादव और माटू यादव के गुट में मारपीट हुई। ग्वालियर ग्रामीण से दावेदारी कर रहे हैं साहब सिंह गुर्जर और प्रदेश महामंत्री दशरथ के बीच मारपीट और फिर साहब सिंह पर एफ आई आर हुई। ग्वालियर सीट के दावेदार योगेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस की बैठक के दौरान जिला अध्यक्ष के सामने बंदूक निकाल ली।

एक ओर घटना 4 जुलाई की ही लोगों के जुबान पर है। पूर्व कैबिनेट मंत्री जयवर्धन सिंह के स्वागत में पहुंचे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का दो गुट आपस में ही भिड़ गया। दरअसल, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह मंगलवार को सिटी सेंटर स्थित होटल सेंट्रल पार्क के बाहर पहुंचे थे। उनके स्वागत के लिए यूथ कांग्रेस के नेता अपने अपने समर्थकों को लेकर होटल के बाहर खड़े थे। इसी दौरान दो नेताओं के समर्थकों में बहस होने लगी।

जब तक इसे शांत कराया जाता तब तक ये समर्थक आपस में ही भिड़ गए। कुछ कार्यकर्ता डंडे भी निकाल लाए।  इसी दौरान मौके पर मौजूद विधायक लाखन सिंह और प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह ने हंगामे को शांत कराने की कोशिश की लेकिन कोई कार्यकर्ता उनकी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था। करीब एक घंटे तक तनातनी की स्थिति बनी रही।

कांग्रेस ने भूतपूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को मैदान में उतार दिया है। इस बीच, उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे पार्टी नेताओं को एकता सूत्र में बांधने के लिए हिदायत दे रहे हैं। वे कह रहे हैं कि अगर ऐसी ही गुटबाजी रही तो साल 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अंतिम चुनाव होगा।

वायरल वीडियो कहां का है ये साफ नहीं हो सका है। लेकिन उनके साथ कांतिलाल भूरिया भी दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में कई लोग दिग्विजय को घेरे हुए दिख रहे हैं।  दिग्विजय सिंह कह रहे हैं कि अगर ईमानदारी से चुनाव नहीं लड़े तो आप लोग घर बैठ जाएगा। उन्होंने कहा कि आप लोग आपस में बात करने के लिए तैयार ही नहीं हैं। ऐसे ही चलता रहा तो कांग्रेस कभी भी सत्ता में वापसी नहीं करेगी।

मई महीने की बात है। कांग्रेस सांसद और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खंडवा इलाके में थे।  निमाड़ में कांग्रेस अलग-अलग गुटों में बंटी है। ऐसे में कांग्रेस के मंडलम-सेक्टर की बैठक में कमलनाथ गुट और अरुण यादव गुट के लोग आमने-सामने आ गए। बहस इतनी बढ़ी कि मंडलम-सेक्टर की बैठक लेने आए दिग्विजय सिंह को नाराज होकर मंच से कहना पड़ा- कांग्रेस भाड़ में जाए, तुम इसी तरह बहस करते रहो।

गौर करने योग्य यह भी है कि जो लोग मध्य प्रदेश की राजनीति को जानते हैं, उन्हें पता है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है। कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस के कई नेताओं से सवाल उठाया था कि चुनाव जीतने के बाद विधायक दल सीएम का चेहरा तय करता है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया ने भी सीएम के चेहरे पर अपनी बात रखी थी।

साल 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस चुनाव जीती थी, लेकिन गुटबाजी के कारण सरकार डेढ़ साल से अधिक नहीं चल पाई और कमल नाथ को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। तब कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से बगावत करते हुए भाजपा  ज्वाइन कर ली थी। जिसके बाद सरकार गिर गई थी।