रतलाम के पास भीषण हादसा,7 की मौत
रतलाम । महू-नीमच हाईवे (फोरलेन) पर जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर दूर सातरुंडा फंटे के पास बस का इंतजार कर रहे लोगों को ट्रक (ट्राला) द्वारा रौंदने से भीषण सड़क हादसा हो गया। हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई व डेढ वर्षीय बालक सहित 11 व्यक्ति घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ज्यादातर मृतक व घायल धार जिले के रहने वाले हैं। ट्रक के बीच वाला टायर फट गया था, इससे ट्रक बेकाबू होकर लोगों व बाइकों पर जा चढ़ा।
मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख की आर्थिक सहायता
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा कि रतलाम में ग्राम सातरुंडा के पास चौराहे पर हुई दुर्घटना में अमूल्य जिंदगियों के असमय काल कवलित व घायल होने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि पीड़ा की इस घड़ी में परिजनों को संबल प्रदान करें। पीड़ित परिवारों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी तथा घायलों के इलाज की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। शोकाकुल परिवार स्वयं को अकेला न समझे, हम सब परिवार के साथ हैं।जानकारी के अनुसार कान्हा राठौड़ निवासी ग्राम विरियाखेड़ी थाना बड़नगर (उज्जैन) के पुत्र सौर्य का मान कार्यक्रम सातरुंडा से करीब दो किलोमीदर पहाड़ी पर स्थित कंवलका माताजी मंदिर परिसर में रखा गया था। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वे, उनके स्वजन, रिश्तेदार व अन्य परिचित लोग रविवार सुबह करीब आठ बजे मंदिंर पहुंच गए थे। मन्नत कार्यक्रम की समाप्ति के बाद सभी लोग अपने-अपने घर जाने के लिए शाम करीब पौने पांच बजे सातरुंडा फंटे के पास स्थित यात्री प्रतीक्षालय के पास जाकर अन्य लोगों के साथ बस का इतंजार करने के लिए खड़े हुए थे। तभी भैंसे लेकर रतलाम से इंदौर की तरफ जा रहा ट्रक (आरजे-37/जीए-8319) अनियंत्रित होते हुए बाइकों व लोगों को चपेट में लेता हुआ डिवाइडर से जा टकराया। ट्रक की चपेट में आने से पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई व 11 व्यक्ति घायल हो गए। मौके पर भीड़ जमा हो गई व पुलिस भी पहुंची। घायलों को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भिजवाया गया। वहीं एक व्यक्ति ने जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। मृतकों के शव भी जिला अस्पताल लाए गए, जहां से शवों को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कालेज भेजा गया। वहां छह में तीन मृतकों 40 वर्षीय भरत पुत्र आत्माराम चंगेसिया निवासी ग्राम लेबड़ जिला धार, 42 वर्षीय पारस पाटीदार पुत्र शंकरलाल पाटीदार निवासी ग्राम सिमलावदा थाना बिलपांक व 42 वर्षीय भंवरलाल पुत्र गेंदालाल निवासी ग्राम बखतगढ़ जिला धार की शिनाख्त हुई है। शेष मृतकों की शिनाख्त के पुलिस प्रयास कर रही है।
आठ किलोमीटर के हिस्से में 20 दिन में दूसरा बड़ा हादसा
हाईवे पर बिलापांक थाना क्षेत्र में 20 दिन में यह दूसरा बड़ा हादसा है। इसके पहले 15 नवंबर की शाम सातरुंडा से करीब आठ किलोमीटर दूर जमुनिया पुलिया के पास सेफ्टी जााल लगा रहे 12 मजदूरों को तेज रफ्तार कार ने रौंद दिया था। इससे उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ जिले के चार मजदूरों की मौत हो गई थी व आठ मजदूर तथा कार में सवार पांच लोग घायल हो गए थे।
ये हुए घायल
17 वर्षीय विशाल पुत्र भंवरलाल चौरड़िया निवासी ग्राम बखतगढ़ (धार), इसकी बहन 20 वर्षीय खुशबू, अाठ वर्षीय निकिता, 81 वर्षीय जगदीश पुत्र दुलाजी भैंवदिया निवासी ग्राम गटगारा (धार), 30 वर्षीय संगीता पति पारस निवासी ग्राम घोड़ाघाट थाना बिलपांक (रतलाम), 16 वर्षीय मंगल पुत्र गोपाल परमार निवासी ग्राम ढोलाना, 23 वर्षीय राखी पत्नी कन्हैयालाल निवासी ग्राम बांगरौद (रतलाम), इनका डेढ वर्षीय पुत्र कियांश, 46 वर्षीय शांतिबाई पत्नी शंभूलाल परमार निवासी ग्राम ढोलाना, इनकी बेटी 24 वर्षीय सुधा परमार। एक अन्य 35 वर्षीय महिला बेहोश है, उसका नाम पता नहीं चल पाया है। मध्य प्रदेश के मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव सात रूंडा में हुई दुर्घटना में घायलों को देखने के लिए रतलाम जिला चिकित्सालय में रात करीब 12:30 बजे पहुंचे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर घायलों को देखने के लिए आए। मंत्री दत्तीगांव ने कहा कि शासन द्वारा घायलों का बेहतर से बेहतर उपचार कराया जाएगा। मृतकों के स्वजन तथा घायलों को शासन के प्रावधानों अनुसार आर्थिक सहायता स्वीकृत की जाएगी। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी भी इस दौरान मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि सातरुंडा चौराहा जिले का व्यस्त चौराहा है। यहां अक्सर तेज गति से आते वाहनों के कारण हादसे होते रहते हैं। इस चौराहे पर पहले भी अनेक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। चौराहे पर चारों तरफ से अनियंत्रित गति से वाहनों की आवाजाही लगी रहती है, लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं जाता है। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। आसपास जमा लोगों ने एंबुलेंस बुलवाकर घायलों को अस्पताल भिजवाया।