माघी पूर्णिमा पर आज गाड़ा जाएगा होली का डांडा
भोपाल । अश्लेषा नक्षत्र और शोभन योग में माघी पूर्णिमा पर पवित्र नदियों के किनारे स्नान-दान-पूजन का उल्लास 16 फरवरी को छाएगा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शहर से श्रद्धालु नर्मदा में स्नान करेंगे। साथ ही मनोवांछित फल के लिए लक्ष्मी-नारायण की आराधना होगी। इसके अतिरिक्त जगह-जगह होली का डांडा गाड़ा जाएगा। इसके चलते रंगों के त्योहार होली की तैयारियां भी शुरू हो जाएगी। मन चंगा तो कठौती में गंगा का संदेश देने वाले संत रविदास की जयंती भी मनाई जाएगी। ज्योतिर्विद् आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री ने बताया कि माघ माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 15 फरवरी को रात 9.42 बजे होगी जो अगले दिन 16 फरवरी को रात 10.25 तक रहेगी। इस दिन अश्लेषा नक्षत्र दोपहर 3.14 और शोभन योग रात 8.44 बजे तक रहेगा। माघ मास माधव की आराधना का महीना है। इस दिन लक्ष्मी-नारायण की आराधना से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस पूरे महीने ही तीर्थ स्नान का विशेष महत्व है। अगर श्रद्धालु अब तक तीर्थ स्नान नहीं कर पाए हैं तो माघी पूर्णिमा पर स्नान कर पुण्य लाभ ले सकते हैं।
भगवान विष्णु को अर्पित करें चंदन व फल
ज्योतिर्विद् आशीष शर्मा के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में पंचांग के पांच अंग यानि वार, तिथि, योग, नक्षत्र व करण का विशेष महत्व है। किसी पर्वकाल पर अगर पंचांग के इन पांच अंगों की स्थिति श्रेष्ठ होने पर इसका महत्व बढ़ जाता है। इस बार माघी पूर्णिमा बुधवार के दिन शोभन योग में है। इसके चलते पूर्णिमा तिथि स्नान व भगवान विष्णु की आराधना के लिए महामुहूर्त के समान हो गई है। इस दिन घर परिवार में सुख शांति व समृद्धि के लिए भगवान सत्यनारायण की कथा कराने का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु को चंदन व फल अर्पित करना भी हितकारी है।
रंगों के त्योहार होली का फाल्गुन माह 17 फरवरी से
माघ माह के समापन के बाद हिंदू पंचांग का आखरी महीना फाल्गुन माह 17 फरवरी से शुरू होगा जो 18 मार्च तक होगा। इस दौरान शिव आराधना के पर्व महाशिवरात्रि के साथ रंगों के त्योहार होली और रंगपंचमी का उल्लास छाएगा। ज्योतिर्विद् एमके जैन के अनुसार इस माह में कई तीज-त्योहार आएंगे। 26 फरवरी को विजया एकादशी, महाशिवरात्रि एक मार्च को, फाल्गुन अमावस्या दो मार्च, स्वयंसिद्ध मुहूर्त में से एक फुलेरा दूज चार मार्च, आमलकी एकादशी 14 मार्च, होलिका दहन 17 मार्च को होगी। इस माह मठ-मंदिरों के साथ विभिन्न संस्थाओं के फाग उत्सव आयोजित किए जाएंगे।