नई दिल्ली। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने हाल ही में हेपेटाइटिस (Hepatitis) वायरस को लेकर चौंकाने वाली चेतावनी दी है। 'विश्व हेपेटाइटिस रिपोर्ट 2024' के मुताबिक हेपेटाइटिस वायरस से हर दिन 3,500 से अधिक लोग मरते हैं और यह संख्या विश्व स्तर पर बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं इस वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए WHO ने इस बीमारी को विश्व स्तर पर संक्रामक बीमारियों से होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण है।

क्या कहती है ताजा रिपोर्ट?

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, 187 देशों के नए आंकड़ों से पता चला है कि वायरल हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों की संख्या 2019 में 1.1 मिलियन से बढ़कर 2022 में 1.3 मिलियन हो गई है। इस सिलसिले में WHO के डॉक्टर टैड्रोस एशेंहोम घेबरेयेसस का कहना है कि हाल ही में सामने आई रिपोर्ट एक डराने वाली तस्वीर पेश करती है।

दुनियाभर में इसकी रोकथाम के बावजूद इस बीमारी के मामले और इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि काफी कम लोग ही इस बीमारी का निदान और इलाज करवा रहे हैं। ऐसे में इस बीमारी और इससे जुड़ी जरूरी बातों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने गुरुग्राम स्थित मैरेंगो एशिया हॉस्पिटल में लिवर ट्रांसप्लांट एवं एचपीबी सर्जरी के निदेशक एवं एचओडी डॉ. पुनित सिंगला से बातचीत की।

डॉक्टर बताते हैं कि लिवर सेल्स जो डैमेज हो जाते हैं और उसमें सूजन आ जाती है, तो इसे हेपेटाइटिस कहा जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिसमें सबसे कॉमन वायरस और शराब होते हैं। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, और ई विभिन्न हेपेटाइटिस वायरस प्रकारों में से हैं। इस बीमारी के सभी प्रकार में संक्रमण की गंभीरता और इसके ट्रांसमिशन का तरीका अलग होता है।

कैसे फैलता है हेपेटाइटिस

आमतौर पर हेपेटाइटिस बी, सी और डी मुख्य रूप से खून या सीमेन जैसे संक्रमित बॉडी लिक्विड के संपर्क में आने से फैलता है। वहीं, हेपेटाइटिस ए और ई आमतौर पर दूषित भोजन या पानी के माध्यम से फैलता है।

हेपेटाइटिस के लक्षण

हेपेटाइटिस हल्के लक्षणों में कमजोरी, बुखार, थकान, पीलिया, मतली और पेट की परेशानी शामिल हैं। हालांकि, सही समय पर इलाज न होने की वजह से यह क्रोनिक हेपेटाइटिस इन्फेक्शन, विशेष रूप से हेपेटाइटिस बी और सी के कारण होने वाले इन्फेक्शन , लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी जटिलताओं का कारण बन सकते हैं।

हेपेटाइटिस का निदान

डॉक्टर बताते हैं कि लिवर फंक्शन टेस्ट, जो ब्लड टेस्ट है, की मदद से हेपेटाइटिस का निदान किया जा सकता है। इसमें लिवर सेल्स खराब आते हैं और एंजाइम्स बड़े हो सकते हैं। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड में भी हेपेटाइटिस का पता लगाया जा सकता है।

अल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस क्या है?

ऐसे लोग जो बिंज ड्रिंकिंग यानी अचानक बहुच ज्यादा मात्रा में शराब पीते हैं, तो इससे फैटी लिवर हो जाता है और अगर इसमें सूजन आ जाती है, तो इसे हेपेटाइटिस कह सकते हैं।

हेपेटाइटिस के कारण

वायरल हेपेटाइटिस होने के कई कारण है। वायरस की वजह से हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, और ई हो सकता है। हेपेटाइटिस ए और ई खराब खाने या पीने से होता है। वहीं, हेपेटाइटिस बी और सी, जैसे कि HIV फैलता है, खून, सीमेन, संक्रमित खून चढ़ाने से, संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से या इंजेक्शन या सुई को सही तरीके से साफ न करने की वजह से फैल सकता है। इसके अलावा नशा आदि के लिए नीडल शेयर करने से भी यह वायरस फैल सकता है।

कैसे करें हेपेटाइटिस से बचाव

हेपेटाइटिस से बचाव के बारे में डॉक्टर बताते हैं हेपेटाइटिस ए और ई को रोकना आसान है। इसके लिए सब खानपान में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा पड़ता है। यह ज्यादा बारिश के मौसम में होता है। हेपेटाइटिस ए ज्यादा बच्चों को शिकार बनाता है, जबकि हेपेटाइटिस ई प्रेग्नेंट महिलाओं को प्रभावित करता है। इसके शिकार ज्यादातर मरीज दवाओं से ठीक हो जाते हैं। हालांकि, बेहद कम लोग की लिवर फेलियर का सामना करते हैं।

हेपेटाइटिस ए से बचाव के लिए वैक्सीन मौजूद है, जिसे बच्चों को जरूर लगवाएं। साथ ही हेपेटाइटिस बी का भी वैक्सीन मौजूद है, लेकिन सी के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं है। हालांकि, इन दोनों के लिए मेडीकल ट्रीटमेंट उपलब्ध है। वहीं, हेपेटाइटिस बी और सी के लिए कुछ बातों का ध्यान रख इसे रोक सकते हैं। इसमें सुरक्षित यौन संबंध, नीडन साझा न करना और सही स्वच्छता बनाए रखना आदि शामिल हैं।