मध्यप्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व में कम हुई हरियाली
भोपाल। देश के 52 टाइगर रिजर्व में से 32 में जंगल वर्ष 2011 की तुलना में कम हुए हैं। यह कमी 0.06 से 118.97 वर्ग किमी तक है। 20 टाइगर रिजर्व में 1.28 से 238.80 वर्ग किमी तक जंगल बढ़े हैं। मध्यप्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व पन्ना, सतपुड़ा व संजय दुबरी में जंगल बढ़े हैं। बाकी तीन में कम हुए हैं। यह आकलन सामने आया है हाल ही में जारी इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (आइएसएफआर-2021) में। इसी रिपोर्ट में क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश को सर्वाधिक बड़ा वन क्षेत्र वाला राज्य बताया गया है। द्विवार्षिक रिपोर्ट में इस बार भारतीय वन सर्वेक्षण ने टाइगर रिजर्व, कॉरिडोर और शेर संरक्षण क्षेत्र में जंगलों के आकलन से संबंधित नया अध्याय शामिल किया है। रिपोर्ट बताती है कि 52 टाइगर रिजर्व में औसतन 22.62 वर्ग किमी की कमी दर्ज की गई है।
शेरों के घर में यह हाल
शेरों के रहने के लिहाज से सबसे उपयुक्त है गुजरात का गिर नेशनल पार्क और वन्य जीव अभयारण्य। यहां वर्ष 2011 में 1328.77 वर्ग किलोमीटर में जंगल था। ताजा स्थिति में 1295.34 वर्ग किलोमीटर में ही जंगल बचा है। यानी 33.43 वर्ग किलोमीटर जंगल कम हुआ है। गिर नेशनल पार्क में 2.20 और गिर वन्यजीव अभयारण्य में 31.23 वर्ग किलोमीटर की कमी आई है।
आग से ओडिशा में सबसे ज्यादा, फिर मध्यप्रदेश में
रिपोर्ट से पता चलता है कि नवंबर 2020 से जून 2021 के बीच भारतीय वन सर्वेक्षण ने जंगलों में आग की 3,98,774 घटनाओं का पता लगाया। नवंबर 2019 से जून 2020 के बीच 1,46,920 घटनाएं हुईं थीं। राज्यों की बात करें तो ओडिशा में सर्वाधिक 51968, मध्यप्रदेश में 47795, छत्तीसगढ़ में 38106 घटनाएं हुईं। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में आग की सबसे ज्यादा 10577 घटनाएं दर्ज हुईं। इसके बाद ओडिशा के कंधमाल में 6156, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 5499 घटनाएं हुईं। मप्र के पूर्वी निमाड़ में 4210, रायसेन में 3713 और छिंदवाड़ा जिले के जंगलों में आग की 3535 घटनाएं हुईं।