नई दिल्‍ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह दो महीने में सभी बूचड़खानों को पर्यावरण मंजूरी के दायरे में लाने का फैसला ले। एनजीटी ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान निर्देश दिए। अधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस एके गोयल की पीठ ने मंत्रालय के जवाब का उल्लेख किया है, जिसके मुताबिक बूचड़खानों समेत 20,000 वर्ग मीटर से अधिक की सभी निर्माण परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी आवश्यक है।