आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों के बीच एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एक हॉट टॉपिक बना हुआ। माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियां एआई की दौड़ में आ चुकी है। लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी एप्पल इसमें पिछड़ती दिख रही है।
एआई तकनीक को लेकर गूगल और एप्पल के बीच पिछले काफी समय से एक वॉर सा छिड़ा हुआ है। इसके पीछे की वजह तीन टेक इंजीनियर हैं। जिनमें से दो भारतीय है। इन्हीं तीनों इंजीनियरों ने एप्पल की सर्च तकनीक के एडवांस बनाने में अहम काम किया था।

एप्पल की सर्च तकनीक 'सीरी' इन्ही इंजीनियरों की देने हैं। इन इंजीनियर्स का नाम श्रीनिवासन वेंकटाचार्य, स्टीवन बेकर और आनंद शुक्ला है। श्रीनिवासन वेंकटाचार्य और आनंद शुक्ला दोनों ही आईआईटी के पासआउट हैं। इन तीनों की वजह से ही गूगल और एप्पल में तलवारें खिंची हुई हैं।
श्रीनिवासन वेंकटाचार्य, स्टीवन बेकर और आनंद शुक्ला तीनों इंजीनियर्स ने एप्पल को छोड़कर गूगल का हाथ थाम लिया है। इन दोनों को अपनी ओर खींचने में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और एप्पल के सीईओ टिम कुक के बीच जमकर एक वॉर देखने को मिला था।

द इन्‍फोर्मेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीनिवासन वेंकटाचार्य, स्टीवन बेकर और आनंद शुक्ला ने एप्पल छोड़ने का फैसला किया तो कंपनी की ओर से इन्हें और शानदार ऑफर दिए गए। वहीं जब वह ये इंजीनियर गूगल के साथ संपर्क में तो उन्हें अपनी ओर खींचने के लिए गूगल ने भी बोली बढ़ा दी।

एपल के सीईओ टिम कुक ने तीनों को मनाने की खूब कोशिश की, लेकिन वो माने नहीं। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई तीनों से पर्सनली मिले और उन्हें बेहतर पैकेज और ऑफर्र देकर अपनी तरफ खींच लिया। जिसके बाद अब टिम कुक और सुंदर पिचाई में कोल्ड वॉर शुरू हो चुका है। रिपोर्ट्स की मानें तो इन तीनों इंजीनियर्स ने गूगल में बड़े-भाषा मॉडल (LLM) पर काम करने के लिए एप्पल छोड़ा है।

लिंक्डइन प्रोफाइल्स के मुताबिक, वेंकटाचार्य ने अक्टूबर 2022 में एप्पल छोड़ दिया, और आनंद शुक्ला ने नवंबर 2022 में एप्पल छोड़ दिया। रिपोर्ट के अनुसार, इन इंजीनियरों का मानना था कि लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) पर काम करने के लिए गूगल एक बेहतर जगह थी।

1996 में आईआईटी मद्रास से स्नातक होने के बाद श्रीनिवासन ने सेंट लुइस में वाशिंगटन विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस स्नातक और मास्टर डिग्री अर्जित की थी। उन्होंने 2014 में छह साल तक गूगल में भी काम किया था। इसके बाद वह एप्पल चले गए। जहां उन्होंने चार साल काम किया। इसके बाद वह अक्टूबर 2022 में गूगल में आ गए। फिलहाल वह गूगल गूगल में इंजीनियरिंग और AI प्रोडक्ट एक्सपेंशन में वाइस प्रेसिडेंट हैं।
आनंद शुक्ला ने 2001 में आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया था। इसके बाद आनंद ने अपना इलिनोइस विश्वविद्यालय से किया। इसके बाद श्रीनिवासन वेंकटाचार्य और बेकर के साथ Laserlike Inc. नाम की कंपनी बनाई। जिसे बाद में एप्पल ने खरीद लिया। इसस पहले उन्होंने गूगल में 12 साल काम किया था। 2015 में गूगल छोड़ एप्पल आ गए। चार साल बाद वह फिर एप्पल छोड़कर गूगल में पहुंच गए हैं।