सिलेंडर में 4 किलो तक कम निकल रही गैस
भोपाल । तेल कंपनियां गैस सिलेंडर और घरेलू गैस सप्लाई को पुख्ता और सिलेंडरों से होने वाली चोरी रोकने के लिए नए प्रयोग कर रही हैं। इसके तहत रसोई गैस सिलेंडर जल्द ही क्यूआर कोड के साथ आएंगे जो घरेलू सिलेंडरों को रेगुलेट करने में मदद करेंगे। अब उपभोक्ता सिलेंडर के बारे में सब कुछ जान पाएंगे मसलन उसे कब रिफिल किया गया उसमें वजन कितना है। गैस की चोरी तो नहीं की गई। हाल ही में प्रदेश के कई शहरों में सिलेंडर में 4 किलो तक गैस की चोरी पकड़ी जा चुकी है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कुछ दिन पहले ही इसके संकेत दिए थे। यह क्यूआर कोड मौजूदा सिलेंडरों पर लगाया जाएगा और नए सिलेंडरों पर वेल्ड किया जाएगा। इसके एक्टिव होने पर इसमें गैस सिलेंडर की चोरी ट्रैकिंग और बेहतर इन्वेंट्री मैनेजमेंट के कई मौजूदा मुद्दों को हल करने की क्षमता है। इससे गैस की चोरी की सबसे ज्यादा आनेवाली शिकायतों पर लगाम लग सकेगी. गौरतलब है कि सिलेंडर में 3 से 4 किलो तक गैस कम निकलने की शिकायतें आ रहीं हैं।
तीन लाख सिलेंडर की खपत
राजधानी में प्रतिमाह 3 लाख से अधिक एवं प्रदेश में 40 लाख सिलेंडर की खपत हो जाती है। ये सिलेंडर तीनों तेल मार्केटिंग कंपनियों के हैं। इनमें इंडियन ऑयल के सिलेंडरों की सर्वाधिक खपत होती है। इसके बाद भारत पेट्रोलियम एवं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम का नंबर आता है।
पांच साल में 60 बार बढ़ी कीमत
रसोई गैस की कीमत बढऩे का असर आम आदमी के जेब पर आता है। पिछले पांच साल के भावों को देखें तो एलपीजी सिलेंडर के दाम में 60 बार बढ़ोत्तरी हो चुकी है। अकेले कोरोना काल के बाद ही जुलाई 2021 से जुलाई 2022 के बीच 26 बार एलपीजी की कीमत में इजाफा हुआ। इस समय घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत स्थानीय स्तर पर 1058 रुपए एवं कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 1751 रुपए है। गुरुवार को भी इनके दाम में परिवर्तन हो सकता है क्योंकि तेल कंपनियां महीने के पहले दिन एलपीजी के दाम में बदलाव करती हैं। हालांकि दाम बढऩे से गैस की खपत पर असर नहीं पड़ता है।
शहर में गैस एजेंसियों की संख्या-34
विगत 6 माह में कमर्शियल सिलेंडर के दाम 2435 रुपए से घटकर 1751 रुपए पर आ गए जबकि घरेलू एलपीजी सिलेंडर के रेट 950 से बढकर 1058 रुपए हो गए। यह कहना कि गैस के मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाजार को देखते हुए निर्धारित होते हैं फिर घरेलू एवं कमर्शियल सिलेंडरों में यह विसंगति समझ से परे हैं। इस संबंध में मप्र एलपीजी डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके गुप्ता बताते हैं कि रसोई गैस की कीमतों में तेजी-मंदी का निर्णय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का होता है। भावों में अंतर को डीलर्स प्वाइंट पर तुरंत लागू कर दिया जाता है। पहले रसोई गैस उपभोक्ताओं को सिलेंडर सप्लाई होने के बाद उस सिलेंडर पर सब्सिडी मिल जाती थी जिससे उपभोक्ता वर्ग को थोड़ी राहत मिल जाती थी लेकिन मई 2020 के बाद से सरकार ने सब्सिडी बंद कर दी।