नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कभी पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के करीबी रहे पूर्व सांसद देवेंद्र यादव ने सपा को बाय बाय कहकर भाजपा से हाथ मिला लिया है। यादव ने लखनऊ के बीजेपी दफ्तर में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।इससे पहले समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के परंपरागत वोट माने जाने वाले शाक्य समाज से अपना प्रत्याशी उतार कर उन्हें झटका दिया था। इसके बाद भाजपा ने समाजवादी पार्टी के परंपरागत माने जाने वाला यादव वोट बैंक में सेंध लगाते हुए यादव समाज के प्रभावशाली नेता देवेंद्र यादव को पार्टी में शामिल कर एटा की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है।
कासगंज के अलीपुर बरवारा के रहने वाले देवेंद्र सिंह यादव ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत गांव में प्रधान के चुनाव से की थी। उसके बाद देवेंद्र सिंह यादव तीन बार सोरो से ब्लॉक प्रमुख रहे। 1979 में कांग्रेस से पहली बार देवेंद्र सिंह यादव विधानसभा पहुंचे और उसके बाद 1984 में समाजवादी पार्टी से देवेंद्र सिंह यादव विधायक बने। उसके बाद देवेंद्र सिंह यादव समाजवादी पार्टी से 1999 में पहली बार सांसद बने और फिर 2004 में दूसरी बार समाजवादी पार्टी से ही देवेंद्र सिंह यादव लोकसभा पहुंचे। 2009 में कल्याण सिंह के सामने देवेंद्र सिंह यादव लोकसभा का चुनाव हार गए और उसके बाद 2014 और 2019 में कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह ने देवेंद्र सिंह यादव को लोकसभा चुनाव में मात दी थी।