दंतेवाड़ा। स्वंतत्रता दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के नक्सल प्रभावित ग्राम बुरगुम, तुमरीगुंडा एवं बड़ेगादम में आजादी के बाद पहली बार दंतेवाड़ा पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर तिरंगा फहराया।इस मौके पर खास बात ये रही कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने भी तिरंगे को सलामी दी। दंतेवाड़ा जिले के तीनों गांव नक्सल गतिविधियों के कारण अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आते हैं। इनमें स्वतंत्रता दिवस का नक्सली बहिष्कार करते आए हैं।

आजादी के पर्व के दिन नक्सली अंदरूनी क्षेत्रों में काला झंडा फहराकर विरोध प्रदर्शित करते हैं। दंतेवाड़ा जिले में शासन-प्रशासन की विश्वास विकास सुरक्षा की नीति के चलते ग्रामीणों का नक्सलवाद से मोहभंग हो रहा है। ग्रामीण समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।नक्सलगढ़ में लाल आतंक की जड़ें कमजोर हो रही हैं।इसके साथ ही स्थानीय नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।

तुमरीगुंडा, जो इंद्रावती नदी के दूसरी ओर स्थित है, वहां पर दंतेवाड़ा पुलिस ने तिरंगा फहराया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं स्कूली बच्चे भी शामिल हुए, जिसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नक्सलगढ़ में लाल आतंक की जड़ें कमजोर हो रही हैं।वर्तमान में इन गांवों के आसपास के लोग जो नक्सलियों के बहकावे में आकर नक्सली संगठन में शामिल हुए थे, वे शासन द्वारा चलाये जा रहे नक्सल पुनर्वास नीति व लोन वर्राटू (घर वापस आइये) अभियान के तहत आत्मसमर्पण कर योजनाओं का लाभ लेते हुए सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं।