स्वीडन की सीमा में घुसे रूस के एटमी बमों से लैस लड़ाकू विमान
स्टॉकहोम। यूक्रेन में चल रही जंग के बीच रूस के दो महाविनाशक फाइटर जेट स्वीडन के हवाई क्षेत्र में घुस गए थे। ये रूसी विमान सुखोई-27 और सुखोई-24 एटमी बम से लैस थे। बताया जा रहा है कि रूस के विमान जानबूझकर डराने के लिए स्वीडन की हवाई सीमा में घुसे थे। रूसी फाइटर जेट दो मार्च को कालिनग्राड एयर बेस से उड़े थे जो नाटो देशों से बिल्कुल सटा हुआ है। रूसी विमान स्वीडन के गोटलैंड द्वीप समूह की ओर जा रहे थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस उड़ान के दौरान रूसी फाइटर जेट ने यह देखने की कोशिश की कि नाटो सदस्य और स्वीडन तथा फिनलैंड जैसे तटस्थ रहने वाले देश कितनी देर में प्रतिक्रिया देते हैं। हालांकि रूस के घुसपैठ के बीच स्वीडन की एयरफोर्स पूरी तरह से अलर्ट थी और उसने तत्काल जवाब भी दिया। यूक्रेन के युद्ध को देखते हुए स्वीडन की एयरफोर्स अलर्ट पर है। इस बीच अब खुलासा हुआ है कि घुसपैठ के समय रूसी विमान परमाणु बम से लैस थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दोनों ही सुखोई विमान घुसपैठ के समय परमाणु हथियार लेकर चल रहे थे। सैन्य विश्लेषक स्टीफन रिंग ने कहा कि यह उकसावे की कार्रवाई स्वीडन के लिए एक रिमांइडर है। यह बताता है कि रूस के पास परमाणु बम है और वह इसके इस्तेमाल से नहीं डरता है। स्वीडन की वायुसेना के प्रमुख कार्ल जोहान इडस्ट्रोम ने कहा, 'हम मानते हैं कि यह जानबूझकर किया गया है जो बहुत ही गंभीर है क्योंकि आप एक ऐसे देश हैं जो इस समय युद्ध में चल रहा है।' कार्ल जोहान ने कहा कि रूसी फाइटर जेट केवल कुछ समय के लिए ही स्वीडन की हवाई सीमा में थे जो संभवत: एक मिनट के करीब था। इसके बाद वे अपने रूसी क्षेत्र में लौट गए। उन्होंने कहा कि यह रूस की ओर से एक गैरजिम्मेदाराना और गैर पेशेवर व्यवहार था। स्वीडन नाटो का सदस्य देश नहीं है लेकिन स्वीडन की सेना कई बार नाटो देशों की सेना के साथ सैन्य मिशन में हिस्सा ले चुकी है। इस खुलासे के बाद बार फिर से यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के परमाणु कार्रवाई का डर बढ़ गया है।