स्ट्राबेरी की खेती कर कृषक सुरेश बने आर्थिक स्वावलम्बी
भोपाल : सफलता की कहानी पारम्परिक खेती-किसानी से हटकर अनूपपुर जिले के विकासखण्ड कोतमा के ग्राम ठोड़हा निवासी कृषक सुरेश तिवारी अपने 1.400 हेक्टेयर खेत में किसान-कल्याण तथा कृषि विभाग की 'आत्मा' परियोजना का लाभ लेकर स्ट्राबेरी की खेती कर रहे हैं। उन्होंने माता गूजरी कॉलेज साहिबगढ़ पंजाब में स्ट्राबेरी की खेती का 5 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण के बाद कृषि विभाग के सहयोग से स्ट्राबेरी के 500 पौधों से खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्हें सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने स्ट्राबेरी की खेती से 50 हजार रुपये की कमाई की।
कृषक सुरेश तिवारी का हौसला बढ़ा तो उन्होंने स्ट्राबेरी की खेती को और विस्तार देने के लिए 4 हजार स्ट्राबेरी के पौधों की खेती की। इससे उन्हें 1.50 लाख की आय प्राप्त हुई। स्ट्राबेरी की खेती ने उन्हें आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बना दिया है। उन्होंने अपनी कृषि भूमि पर परम्परागत खेती से हटकर नए-नए प्रयोग प्रारम्भ किए हैं। उन्होंने लगभग एक एकड़ में आम के पौधों का रोपण भी किया है, जो उन्हें अतिरिक्त आर्थिक लाभ देगा। उन्होंने खेती की उन्नत तकनीक अपनाकर खरीफ में धान की खेती की तथा सब्जियों की पैदावार भी ली। कृषक श्री सुरेश तिवारी को कृषि क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि के लिए विकासखण्ड स्तरीय पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है।