आउटसोर्स कंपनियों की मनमानी के खिलाफ लामबंद हो रहे कर्मचारी
भोपाल । उपभोक्ता के घरों की बिजली ठीक करने, रीडिंग लेने, बिल बांटने और मीटर सुधारने वाले हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। बोनस और ईपीएफ भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। ऐसे हजारों आउटसोर्स कर्मचारी भोपाल शहर समेत मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी की सात सर्किलों में तनाव के बीच काम कर रहे हैं। इनका परिवार भी परेशान है। इनमें से दर्जनों कर्मचारी वेतन नहीं मिलने और तनाव के कारण कई बार उपभोक्ताओं को ठीक से सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं। इन्हें समय पर भुगतान कराने की जिम्मेदारी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की है और भुगतान आउटसोर्स कम्पनियों को करना है। इन्हीं ने कर्मचारियों को सेवा पर रखा है, लेकिन काम बिजली कंपनी ले रही है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि वेतन, बोनस व ईपीएफ के करोड़ों रुपए डूमाने की चक्कर में में हैं। बिजली कंपनी खुद मान चुकी है कि सात आउटसोर्स कम्पनियों ने गड़बड़ी की थी, जिन्हें पूर्व में ही टर्मिनेट किया जा चुका है लेकिन आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि टर्मिनेट करने के बावजूद भी उन्हें उनका भुगतान नहीं मिला है।
मध्य प्रदेश बिजली आउटसोर्स अधिकारी कर्मचारी महासंघ के संयोजक मनोज भार्गव ने आरोप लगाए हैं कि आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ उपेक्षा करने के मामले बढ़ रहे हैं। उनके बोनस और ईपीएफ की राशि अभी भी नहीं चुकाई पाई जा रही है। बिजली कंपनी के कुछ अधिकारियों ने साजिश के तहत आउटसोर्स कंपनियों को टेंडर प्रक्रिया में छूट दी और उन्होंने गड़बड़ी की। दोनों बराबर के जिम्मेदार है। जब कर्मचारियों को बोनस की राशि चुकाने की बारी आई तो बिजली कंपनी और एजेंसी एक दूसरे पर ढोल रही है। अभी तक बिजली कंपनी के प्रबंध संचालक ने टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी कर आउटसोर्स कम्पनियों को लाभ पहुंचाने वाले अधिकारियों को चिन्हित नहीं किया है। केवल दिखावे के लिए कार्रवाई की जा रही है। इसका विपरीत असर काम पर पडऩे लगा है। क्योंकि आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं करने के कारण वे परेशान हैं।
प्रदेशभर में हजारों कर्मचारी परेशान
बता दें कि अकेले भोपाल शहर में 11 सौ से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं जो हमेशा समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण परेशान रहते हैं। इनमें से अभी भी दर्जनों को बोनस की राशि नहीं मिली है। वही ग्वालियर, नर्मदापुरम संभाग के हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को यह समस्या आ रही है। मध्य क्षेत्र में 10,000 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं। संगठन के मनोज भार्गव, श्रीराम विश्वकर्मा, राजकुमार महस्की व अन्य बिजली आउटसोर्स कर्मियों ने कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा को एक आवेदन सौंपा है, जिसमें आरोप लगाए हैं कि भोपाल सिटी सर्किल में ओरियन सॉल्यूशन, ग्वालियर सिटी सर्किल में सिग्मा इन्फोटेक , बैतूल में डीजी नकरानी, भिंड में बन्ने सिक्योरिटी, श्योपुर में एजी सोर्स व शिवपुरी में ब्रॉडकास्ट कंपनी बोनस की तीसरी किश्त देने में विफल रही है। उन्होंने ज्ञापन में कंपनी को याद दिलाया कि सरकार के राजपत्र जुलाई 2020 के अनुसार यदि प्रतिष्ठान में ठेकेदार के माध्यम से नियोजित ठेका कर्मियों को ठेकेदार बोनस भुगतान करने में विफल या असफल हो जाता है तो ऐसी स्थिति में संबंधित प्रतिष्ठान यानी बिजली कंपनी को भुगतान करना होगा, इसलिए अब राजपत्र के अनुसार बिजली कंपनी को बोनस का भुगतान करना चाहिए। ये भी आरोप लगाए कि भोपाल शहरवृत्त की ओरियन सॉल्यूशन, सीहोर की ईगल हंटर एवं राजगढ़ की ट्रिक डिडेक्टिव कंपनी ने पांच माह का पीएफ खाते में जमा नहीं कराया है, जो दिलवाया जाए।