जीएसटी में ई-इनवायस की सीमा आधी
भोपाल । जीएसटी में एक ओर अहम बदलाव किया गया है। ऐसे सभी कारोबारी जिनका टर्नओवर पांच करोड़ या ज्यादा है उन्हें अब अनिवार्य रूप से ई-इनवायस जारी करना होगा। यह बदलाव 1 अगस्त से लागू होगा। केंद्र सरकार ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है।
ई-इनवायस जारी करने की यह सीमा 10 करोड़ रु. वार्षिक टर्नओवर है। कमर्शियल टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एके गौर के अनुसार जीएसटी में किसी भी पंजीकृत व्यवसायी का वित्त-वर्ष 2017-18 (1 जुलाई,2017 के बाद) से लेकर वित्त-वर्ष 2022-23 तक यदि किसी भी एक वित्त-वर्ष में कुल/सकल टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक रहा है तो ई-इनवायस जारी करना अनिवार्य होगा। यानी यह जरुरी नहीं है कि अभी उसका टर्नओवर कम हो तो वह बच सकेगा। एक भी वर्ष में टर्नओवर इस सीमा में रहा है तो उस पर नियम लागू हो जाएगा। ऐसे करदाता व्यवसायियों को आगामी 1अगस्त 2023 से बी-टू-बी को को की जाने वाली माल/सेवाओं की सप्लाई के लिए अनिवार्य रूप से ई-इनवाइस जारी करना होंगें। सामान्य रूप से जारी किया गया टैक्स इनवाइस पूर्ण रूप अमान्य होगा। यानी अब उसे हर बिल को जीएसटी पोर्टल के जरिए जारी करना होगा। यानी ऐसे कारोबारियों के एक-एक बिल का रिकार्ड अब जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी के शुरुआती वर्षों में ई-इनवायस की सीमा 20 करोड़ रुपये रखी गई थी। इसके बाद सालभर में इसे घटाकर 10 करोड़ कर दिया गया। अब इसे भी आधा कर ई-इनवायस की सीमा को पांच करोड़ किया जा रहा है। कुल मिलाकर सरकार की मंशा है कि हर सप्लाय और बिल जीएसटी नेटवर्क की सीधी निगरानी में आ जाए। ताकी टैक्स चोरी को पूरी तक रोका जा सके।