भोपाल ।   प्रदेश में लोकसभा चुनाव का पहला चरण पूरा हो चुका है। कल शुरूक्रवार को दूसरे चरण का मतदान होना है। लेकिन, इस बीच तीसरे चरण में शामिल भोपाल लोकसभा सीट पर चुनाव स्थगित करने की मांग उठी है। इसे लेकर निर्वाचन आयोग को शिकायत की जा चुकी है। साथ ही चुनाव स्थगित करने की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने की भी तैयारी की जा रही है। तीसरे चरण में शामिल भोपाल लोकसभा चुनाव के लिए नाम नामांकन का दौर खत्म हो चुका है। नामांकन पत्रों की स्कूटनी भी हो चुकी है। इस प्रक्रिया में भोपाल लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले एके जिलानी का पर्चा निरस्त किया गया है। रिटर्निंग अधिकारी ने जिलानी के नामांकन को लोक प्रतित्व अधिनियम 1951 की धारा 33 के प्रावधानों के अनुरूप न मानते हुए यह आदेश जारी किए हैं। 

जिलानी ने माना साजिश

नाम नामांकन पत्र निरस्त किए जाने को जिलानी ने एक साजिश करार देते हुए इसे सत्तारूढ़ पार्टी के दबाव में लिया गया फैसला बताया है। उनका कहना है कि नामांकन जमा करते समय रिटर्निंग अधिकारी ने उचित मार्गदर्शन नहीं दिया। जिसके चलते नामांकन पत्र में कुछ कमियां रह गईं और उनके आधार पर उनका पर्चा निरस्त कर दिया गया है। जिलानी ने इस मामले को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को शिकायत की है। उन्होंने मांग की है कि इस अव्यवस्था पर कार्रवाई की जाए।

अब जाएंगे अदालत, इंदौर से भी भरेंगे पर्चा

निर्दलीय प्रत्याशी जिलानी ने निर्वाचन आयोग को शिकायत करने के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि उन्हें आयोग से किसी राहत की उम्मीद नहीं है। इसलिए वे यह मामला अदालत लेकर जाएंगे। जिलानी ने कहा कि उन्हें देश की न्याय पालिका पर पूरा भरोसा है, अदालत से न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि वे अदालत से भोपाल लोकसभा चुनाव को स्थगित करने की मांग करने वाले हैं। जिलानी ने अपने नामांकन निरस्तीकरण को भाजपा की साजिश करार दिया है। कारण यह है कि भाजपा अपने प्रत्याशी की कमजोर स्थिति से चिंतित है, जिसके चलते वह सरकारी मशीनरी का उपयोग कर मजबूत प्रत्याशियों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। जिलानी ने भाजपा को चेताया है कि अगर स्थितियां दुरुस्त नहीं हुईं तो वे अब इंदौर लोकसभा से भी नामांकन दाखिल करेंगे।