भोपाल।  भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए ‘जीतने’ वाली रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी के रणनीतिकार प्रमुख विपक्षी दल कांगे्रस को लेकर भी मंथन कर रहे हैं। उन नेताओं के संपर्क में हैं, जो दल बदलना चाहते हैं। जिनमें से कुछ ऐसे नेता भी हैं जो कांग्रेस से टिकट के दावेदार हैं। भाजपा अपनी रणनीति में सफल रही तो प्रत्याशी घोषित होने के बाद बीच चुनाव में दो-चार नेताओं को पार्टी में शामिल कराकर कांग्रेस को ‘भागीदारी’ झटका दे सकती है।
खासकर बात यह है कि भाजपा की ओर से ग्वालियर-चंबल, महाकौशल और मालवा-निमाड़ क्षेत्र के लिए इस तरह की गोटियां फिट की जा रही है। इसको लेकर भाजपा संगठन के कुछ नेता विरोधी दल के नेताओं से लगातार संपर्क में हैं। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के दो मौजूदा विधायकों की भाजपा के रणनीतकारों के साथ दिल्ली में मुलाकात की खबरें हैं। हालांकि इसकी किसी पुष्टि नहीं की गई है। इसी तरह कांगे्रस महासचिव प्रियंका गांधी की 12 जून को जबलपुर की सभा के बाद भाजपा महाकौशल में सक्रिय हो गई। मालवा-निमाड़ में संघ के अनुषंागिक संगठन इस काम में भाजपा का सहयोग कर रहे हैं। खबर है कि भाजपा के रणनीतिकारों ने कांगे्रस के आदिवासी, अनुसचित जाति वर्ग के नेताओं से संपर्क साधा है। जिसमें कुछ जयस पृष्ठभूमि के नेताओं के नाम की भी चर्चा है। भाजपा इस काम को मिशन 2023 के तहत बेहद गोपनीय तौर पर अंजाम देेने में जुटी है। हालांकि इसमें कितनी सफल हो पाती है, यह अभी तय नहीं है। उल्लेखनीय है कि 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान भिंड से कांग्रेस प्रत्याशी तय होने के बाद भागीरथ प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए थे।  
भाजपा मौजूदा स्थिति में महाकौशल, ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस की अपेक्षा बेहद कमजोर है। जबकि मालवा-निमाड़ में दोनों-बराबरी पर हैं। चुनाव के बीच यदि इन क्षेत्रों में एक-एक कांगे्रस नेता को भाजपा में शामिल करा लिया जाता है तो इससे भाजपा को चुनाव में सियासी लाभ मिल सकता है।